नई दिल्ली ; उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीति क घराने में जो आग लगी है उसकी चिंगारी कहीं और से नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता और उनकी बहू अपर्णा यादव ने मिलकर फूंकी है. खबर है कि अपर्णा कि माँ अम्बी बिष्ट चाहती हैं कि उनकी बेटी और दमाद को भी नेताजी अखिलेश की तरह अपने राजपाट की जिम्मेदारी सौंपें, जिससे उनका भी राजनितिक कद बढ़ सके. इसी के चलते उन्होंने ही अपनी बेटी को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. आपको बता दे कि मुलायम सिंह यादव के परिवार दो खेमो में बंटा हुआ है. एक ओर बड़ा बेटा अखिलेश यादव व उसके चचेरे चाचा रामगोपाल यादव है तो दूसरी ओर छोटा बेटा प्रतीक यादव, छोटे चाचा शिवपाल यादव हैं.
इतिहास गवाह है महाशक्तिवान का दुश्मन परिवार से होता है पैदा
भारत का इतिहास गवाह है कि जब कोई महाशक्तिवान हो जाता है तो उसे असली चुनौती और सबसे अधिक खतरा अपने ही परिवार से पैदा होता है. इंदिरा गांधी को मेनका गांधी ने चुनौती दी. बेनजीर भुट्टो को उनकी मां व भाई ने चुनौती दी. रावण के लिए विभीषण व प्रमोद महाजन के लिए उनका अपना छोटा भाई जानलेवा साबित हुए. और तो और राजा दशरथ के घर की बरबादी में उनकी अपनी छोटी पत्नी कैकेयी की अहम भूमिका रही.
राम और मुलायम में 36 का आंकड़ा
वैसे बताते हैं कि कैकेयी उनकी जाति व कुल की नहीं थी. वह काकेशस (अविभाजित रुस) की रहने वाली थी. और उसने अपने पुत्र को राजा बनाने के लिए जो कुछ किया. वह सबके सामने हैं. हालांकि भगवान राम और मुलायम सिंह का छत्तीस का आंकड़ा रहा. उन्होंने तो बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कार सेवकों की लाशें बिछवा दी थी. फिर भी इसे समय का ही फेर कहा जाएगा कि जिन हालात का कभी दशरथ ने सामना किया. उससे भी ख़राब हालत आज मुलायम सिंह की हो गयी है.
मुलायम की पत्नी निकली महत्वकांक्षी
हालांकि इस पहलवान ने राजनीति के अखाड़े में अच्छे-अच्छो को चित कर डाला, पर सपा के ही नेताओं का मानना है कि उन्हें अब अपने ही परिवार के अंदर चुनौती मिलती दिख रही है. बड़े बेटे अखिलेश का राज्यभिषेक कर देने के बावजूद छोटे बेटे प्रतीक को लगता है कि उसका हक मारा जा रहा है और वह चुप बैठने के लिए तैयार नहीं है. खासतौर से अपनी उत्साही और महत्वकांक्षी पत्नी के कहने पर चल रहे हैं, जिससे इस परिवार की दिक्कतें बढ़ना स्वभाविक हैं.
अपर्णा ने प्रतीक को राजनीति में लाने के लिए क्यों प्रेरित किया ?
मैनचेस्टर यूनीवर्सटी से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में डिग्री हासिल करने वाली राजनीतिक परिवार की बहू भला राजनीति से दूर कैसे रह सकती थी? बताते हैं कि पहले उसने जिम का शौक रखने वाले अपने पति प्रतीक यादव को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. उनके समर्थकों ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें आजमगढ़ से टिकट दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. हालांकि इस सीट से मुलायम सिंह यादव खुद चुनाव लड़े और जीते.
अपर्णा चल रही है अपनी माँ के इशारे पर
सूत्र यह भी बताते है कि मुलायम सिंह कि समधन अम्बी बिष्ट भी चाहती हैं कि उनकी बेटी राजनीति में आये साथ ही दमाद प्रतीक मुख्यमंत्री बने. बताया जाता है कि जैसे ही यूपी में सपा कि सरकार बनी तो सबसे पहले LDA में तैनात अपर्णा की माँ ने गोमती नगर फेज-2 का सारा काम हथिया लिया. यही नहीं LDA के कुछ दलालों और बाबुओं से सांठगांठ कर अम्बी बिष्ट ने पिछले कुछ सालों में भूखण्डों की दलाली और समायोजन कर खूब माल LDA से कांटा है. इतना ही नहीं LDA के VC पद पर सतेंद्र कुमार को लाये जाने में भी उनकी दमाद प्रतीक के साथ अहम् भूमिका बताई जाती है.