नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी का दंगल अभी थमा नहीं है. लखनऊ में रामगोपाल यादव की तरफ से बुलाए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है. इससे पहले उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर रामगोपाल यादव ने एक प्रस्ताव भी पास किया.
अमर सिंह हुए सपा से बाहर
अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के साथ-साथ चाचा शिवपाल को भी यूपी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. इतना ही नहीं पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक बना दिया गया है. इससे पहले मुलायम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. सपा के महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है. अमर सिंह यूपी में समाजवादी परिवार के दंगल में अखिलेश समर्थकों के निशाने पर रहे हैं. खुद अखिलेश भी बिना नाम लिए सारे विवाद के लिए एक बाहरी शख्स को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. इस पर लंदन में बैठे अमर सिंह ने कहा कि उन्हें बेवजह विलेन बनाया जा रहा है. मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह की शर्तों में अमर सिंह को पार्टी से निकाले जाने की शर्त की भी चर्चा थी.
अखिलेश बोले- नेताजी का करता हूँ सम्मान
अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा है कि मैं नेताजी का बहुत सम्मान करता हूं. मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष रहूं या कुछ भी, नेताजी मेरे पिता ही रहेंगे और पार्टी बचाने के लिए मैं कोई भी त्याग करने के लिए तैयार हूं.अखिलेश ने कहा है कि आने वाले चुनावों में पार्टी की बड़ी जीत हो, इसकी सबसे ज्यादा खुशी नेता जी को ही होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर नेता जी के खिलाफ कोई साजिश हो रही हो तो एक बेटा होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं उन साजिशों को बाहर लेकर आ जाऊं.
मुलायम ने अधिवेशन को लेकर लिखी चिट्ठी
अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने कहा है कि अखिलेश के खिलाफ साजिश रची जा रही है. पार्टी के दो लोग साजिश कर रहे हैं. वो लोग नहीं चाहते की यूपी में सपा की सरकार बने. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महासचिव रामगोपाल यादव और सांसद नरेश अग्रवाल पहुंच गए हैं. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक चिट्टी लिखकर अधिवेशन में ना जाने के लिए कहा है.