नई दिल्ली : सूबे के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े समाजवादी कुनबे के मुखिया मुलायम सिंह परिवार में चाचा और भतीजे के बीच मचा घमासान अभी भी जारी है। नाराज चाचा शिवपाल ने आज मंत्रालय छीने जाने के बाद दिल्ली पहुंचे अपने भाई मुलायम सिंह से मिलने। बैठक खत्म होने के बाद शिवपाल यादव कुछ बोले बिना ही चले गए। शिवपाल यादव ने नाराजगी में लाल बत्ती की गाड़ी छोड़ दी है। कहा जा रहा है कि मंत्रालय छीने जाने से शिवपाल अखिलेश से नाराज हैं और इसी के चलते वह मुलायम से दिल्ली मिलने पहुंचे थे। शिवपाल यादव को जेड सिक्योरिटी सुरक्षा मिली हुई है, लेकिन अब उनके साथ वह भी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि यूपी सदन से लाल बत्ती लगी इनोवा गाड़ी पहुंची थी, लेकिन उन्होंने उसे वापस भेज दिया।
बचते रहे अमर सिंह बोलने से
अखिलेश के बाहरी लोग वाले बयान को लेकर अटकलें लगने लगीं कि क्या उन्होंने इशारों में अमर सिंह पर निशाना साधा है. हालांकि इस बारे में अमर सिंह कुछ भी बोलने से बचते रहे. जब अमर सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले से जुड़े हुए नहीं है और उनका इस मामले में कोई रोल नहीं है. इसलिए वह कुछ भी नहीं बोलना चाहते.
क्या बोले CM अखिलेश ?
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि सरकार में झगड़ा है, परिवार को कोई झगड़ा नहीं है. साथ ही उन्होंने बाहरी लोगों की दखलअंदाजी का सवाल भी उठा दिया. अखिलेश यादव ने कहा कि बाहरी लोग दखल देते हैं तो ये सब नहीं चलेगा.
पार्टी में कुछ फैसले नेताजी लेते हैं
शिवपाल से मंत्रालय छीने जाने और सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘’सरकार और पार्टी में कुछ फैसले नेताजी लेते हैं तो कुछ फैसले में अपने मन से लेता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘’पार्टी में कोई ऐसा शख्स नहीं जो नेताजी की बात न मानता हो. नेताजी की बात सब मानते हैं.’’
कुनबे मे मचे घमासान को निपटाने के लिए मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को दिल्ली तलब किया था. ताकि परिवार मिल बैठकर पंचायती कर सुलह सफाई करा मामला निपटाएं. शिवपाल यादव तो दिल्ली पहुंच गए हैं लेकिन अखिलेश यादव दिल्ली नहीं आएंगे.
शिवपाल की नाराजगी की वजह क्या ?
यूपी की राजनीति में जोरदार उठा पटक चल रही है. राजनीतिक अखाड़े में चाचा शिवपाल यादव औऱ भतीजे अखिलेश यादव एक दूसरे पर दांव आजमाए जा रहे हैं. कभी चाचा का दांव भतीजे को पटखनी दे रहा तो कभी भतीजे का दांव शिवपाल यादव को चित्त कर दे रहा है. मंगलवार की रात शिवपाल यादव से सात मंत्रालय छीन अखिलेश ने ऐसा दांव खेल ा है कि शिवपाल यादव जैसा मंजा हुआ खिलाड़ी भी संभल नही पाया. पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, सहकारिता औऱ राजस्व जैसे अहम मंत्रालय छीनने से शिवपाल यादव बेहद नाराज हैं औऱ उन्होंने मुलायम सिंह यादव से साफ कहा कि ऐसे हालात में वो यादव के साथ काम नहीं कर सकते. मुलायम सिह ने रात से ही सुलह सफाई की कोशिशें शुरू कर दी थी, शिवपाल यादव की पत्नी औऱ बेटे को भी बीच बचाव के लिए लगाया.
घमासान पर विराम का नुस्खा मुलायम के पास भी नहीं
जाहिर है अखिलेश यादव औऱ शिवपाल यादव के बीच खींची तलवारें अपने म्यान में जाने को तैयार नही दिख रही. अखिलेश यादव इसमें बाहरी लोगों के दखल की भी बात कर रहे हैं. यानि इशारा अमर सिंह की ओऱ भी है. अमर सिंह की पार्टी में वापसी औऱ फिर राज्यसभा भेजे जाने के पक्ष में अखिलेश यादव बिल्कुल नही थे. फिलहाल लगातार पार्टी औऱ सरकार के फैसलों को लेकर टकराव अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है, जहां दोनों ही पक्ष यूं ही किसी समझौते के लिए तैयार नही. अब इंतजार करना होगा दिल्ली में नेताजी मुलायम सिंह की पंचायती का. लेकिन सवाल ये है कि क्या मुलायम सिंह के पास भी ऐसा कोई फार्मूला है जो समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर पूर्ण विराम लगा पाए.