नई दिल्ली : मुंबई के बंटों संघा अन्ना लीला कॉलेज में शुक्रवार को कालेज की मुस्लिम लड़कियों और लड़कों की ड्रेस पर लगे प्रतिबन्ध को लेकर बवाल मच गया है. दरअसल कालेज में पड़ने आने वाले मुस्लिम छात्रों के टोपी और छात्राओं के बुर्का पहनने पर लगे प्रतिबन्ध के बाद कालेज में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. यही नहीं इस मामले को लेकर छात्र सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर उन्हें कालेज प्रबंधन द्वारा इस हिटलरी फरमान पर आपत्ति जताई है.
टीचर का क्या है हिटलरी फरमान ?
मुंबई के कुर्ला ईस्ट स्थित इस कॉलेज के छात्रों के मुताबिक बीते शुक्रवार को उन्हें कालेज प्रशासन की तरफ से केबिन में बुलाकर एक प्रोफ़ेसर के द्वारा ये फरमान सुनाया गया. बताया जाता है क़ि इस फरमान को सुनते ही कालेज में पढ़ने वाले मुस्लिम समुदाय के छात्र-छात्राओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है. इतना ही नहीं उन्होंने एकजुट होकर कालेज प्रशासन को जवाब देने का मन बनाया है. बताया जाता है क़ि छात्रों ने राज्य के शिक्षा मंत्री और सीएम को इस हिटलरी फरमान की जानकारी देते हुए कालेज प्रशासन के फरमान का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है.
क्या है कालेज के छात्रों का आरोप ?
इस बारे में 'इंडिया संवाद'से बात करते हुए कालेज के एक छात्र ने अपने नाम न छपने के आग्रह पर बताया कि कालेज के स्टाफरूम में शुक्रवार को बैठे टीचर्स में से एक टीचर ने अपने केबिन में मुस्लिम छात्र-छात्राओं को बुलाकर अपना यह फरमान सुनाया कि मंडे से कालेज परिसर में कोई बुर्का और टोपी लगाकर नहीं आएगा. इस आदेश का अनुपालन न करने वाले छात्रों को कालेज में घुसने नहीं दिया जायेगा. इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनके इस आदेश का अनुपालन कोई छात्र नहीं करता है तो उसे दंडित किया जायेगा.
छात्रों ने लिया वकील का सहारा
छात्रों ने 'इंडिया संवाद' से बात करते हुए बताया कि कालेज प्रशासन के हिटलरी फरमान को लेकर वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. और अदालत से इंसाफ की मांग करेंगे. कालेज के छात्र आदिल ने बताया कि इस लड़ाई को लड़ने का अब वह भी मूड बना चुके हैं. जिसके लिए उन्होंने चन्द इकठ्ठा कर एक वकील तय किया है. इसके साथ अपने साथ हो रही इस जाति के लिए 'जय हो' फाउंडेशन के ट्रस्टी से मदद मांगी है.
क्या बोला कालेज प्रबंधन ?
इस बाबत 'इंडिया संवाद' को कालेज के निदेशक कृष्णा शेट्टी (प्रबंधन) ने बताया कि यह सब झूठ है. उनके कालेज के खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने बताया कि हमारे कालेज में केवल सोमवार और गुरुवार को कालेज कि ड्रेस में आना अनिवार्य है, जिसके लिए ही हम छात्रों पर सख्ती करते हैं. बाकि दिन वह क्या पहनकर आ रहे है, उसके लिए उन्हें कभी टोका नहीं जाता है. लेकिन छात्र कालेज के इस नियम को तोड़ने पर आमादा हैं.