नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गोवा 100 करोड़ से ज्यादा की ऐसी प्रापर्टीज चिह्नित की है जो कई समय पहले पाकिस्तानी नागरिकता ले चुके हैं। एक अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय को ऐसी 263 प्रॉपर्टीज़ का पता चला है। ये लोग दोनों देशों के बंटवारे के बाद देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और उनकी प्रॉपर्टी को एनमी प्रॉपर्टी घोषित किया गया था लेकिन ऐसे कई लोग है जो इस प्रोपर्टी पर अपना हक़ पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं।
एमएचए ने गोवा स्थित इन प्रॉपर्टीज की लिस्ट बनाकर संबंधित जिला कलेक्टर्स को भेज दी है। कलेक्टर्स को आदेश दिया है कि इन संपत्तियों का प्रयोग करने वाले लोगों से लीज रेंट वसूलें। वहीँ कई लोग कई लोग इन संपत्तियों पर दावेदारी के लिए कोर्ट का दरवाजा तक खटखटा चुके हैं।
कानून के जानकार लोगों का कहना है कि दूसरे देशों की नागरिकता ले चुके लोगों द्वारा अपनी संपत्ति पर क्लेम करने के लिए एक मेकनिज़म होना चाहिए। वर्तमान समय के कानून के अनुसार इस तरह की संपत्ति को वापस पाना बहुत मुश्किल है।
सरकार 11 सिंतबर 1965 में जारी अपने एक नोटिफिकेशन में कहा था कि पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके लोगों की चल-अचल संपत्ति को एनमी प्रॉपर्टी की तरह ट्रीट किया जाएगा और उन पर नियंत्रण को दुश्मन संपत्ति अभिरक्षक में निहित किया जाएगा। ऐसे मामलों को एनमी प्रॉपर्टी ऐक्ट 1968 और एनमी प्रॉपर्टी ऐक्ट रूल 2015 तहत देखा जा रहा था।