
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हुए हमले के आतंकियों से कनैक्सन जुड़ने के बाद जाकिर नाइक के विवादित एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस का रेन्यूवल करने वाले गृहमंत्रालय के चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. अपने विवादित भाषणों की वजह से जाकिर नाईक की संस्था पर फिलहाल जांच चल रही है और ऐसे में इसी बीच उसके संस्था के एफसीआरए लाइसेंस को रिन्यू कर दिया गया. मामला सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव के साथ उन चारों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है जिन्होने लाइसेंस रिन्यू किया था.
राजनाथ सिंह के आदेश पर निलंबित
सूत्रों से खबर मिल रही है कि मामला सामने आने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आदेश दिया की उन सभी अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए जिनकी भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध है. जिसके बाद मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए नाईक के एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण में इन चार अधिकारियों की कथित भूमिका के लिए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. हलांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि सस्पेंड किये गए अधिकारी कौन से हैं और उनके नाम क्या क्या हैं.
लापरवाही का मामला आया सामने
जिस जाकिर नाईक की संस्था की महाराष्ट्र में जांच कराने के बाद सामने आया कि उनकी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है. यही नहीं 15 विभिन्न घटनाओं में शामिल आतंकियों से भी जब पुछताछ की गई तो उन्होने बताया कि जाकीर के जहरीले बोल सुनकर ही उन्हें आतंकी बनने का दिमागी खुराक मिला था. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतने गंभीर मसले में फंसने वाले एनजीओ का एफआरसीए लाइसेंस आखिर किस आधार पर रिन्यू कर दिया गया.