नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व सांसद जंबूवानट्रो धोटे का शनिवार (18 फरवरी) की सुबह निधन हो गया। उन्हें ‘विदर्भ के शेर’ के नाम से जाना जाता था। उनका निधन सुबह तीन बजे हुआ। वह नागपुर से सांसद थे।
कौन थे जांबुवंतराव धोते-
#जांबुवंतराव धोते नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी के नेता थे।
#वे यवतमाल जिले से पांच बार विधायक चुके थे। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में वे यवतमाल-वासीम सीट से चुनाव हार गए थे।
#वे अलग विदर्भ के लिए पिछले 40 सालों से आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में उन्हें 'विदर्भ वीर' के नाम से जाना जाता है।
#बालासाहब के कहने पर वो फॉरवर्ड ब्लॉक छोड़ कर शिवसेना में शामिल हुए थे।
जांबुवंतराव धोते के कारण बैन हुआ पेपरवेट-
#1964 में पहली बार पूर्व एमएलए जांबुवंतराव धोते ने विदर्भ राज्य की मांग विधानसभा के भीतर उठाई थी।
#उनके इस प्रस्ताव का अन्य सदस्यों ने कड़े शब्दों में विरोध किया। इससे नाराज जांबुवंतराव ने विधानसभा में हंगामा और नारेबाजी की।
#जिसके बाद विधानसभा के तत्कालीन सभापति बालासाहेब भारदे ने उन्हें अपनी जगह पर बैठने के लिए कहा।
#ये बात जांबुवंतराव को इस कदर नागवार लगी कि उन्होंने अपने टेबल पर रखा हुआ पेपरवेट सभापति की ओर दे मारा।
#निशाना चूकने की वजह से सभापति को चोट नहीं आई। इसके बाद धोते की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
#इस घटना के बाद से विधायकों की टेबल पर पेपरवेट हटाने का आदेश दे दिया गया। यह बैन आज भी लागू है।
दोबारा बने MLA-
#विधायक पद रिक्त होने के बाद फिर एक बाद उनकी सीट पर चुनाव हुआ और वे दोबारा एमएलए बने।
#विधानसभा में आने के बाद जांबुवंतराव ने कहा था कि- 'मैं वही नेता हूं जिसे आपने बाहर निकाला था। लोगों ने फिर से अंदर भेजा है।'