नई दिल्ली: लालू प्रसाद याद भारतीय राजनीति में किसी पहचान के मोहताज नहीं, लेकिन जब वहा अपने बेटे तेज प्रताप के सामने खुद स्वास्थ्य मंत्री का रोल निभाने लगे तो यह देख बीजेपी समेत पूरा विपक्ष उनपर भड़क गया। दरअसल, पटना के एक हॉस्पिटल इंदिरा गांधी ऑफ मेडिकल सांइस (IGIMS) में लालू को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। वहां वह डॉक्टरों को निर्देश देने लगे। उस वक्त तेज प्रताप यादव जो कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं वह भी वहीं खड़े थे। लालू वहां मौजूद डॉक्टर्स से बोले, ‘मैं लगातार IGIMS की गतिविधियों पर नज़र रखता हूं। मुझे डॉक्टरों और पुलिस के बीच हुई लड़ाई के बारे में भी पता लगा था। मेरे ख्याल से डॉक्टरों को लड़ाई नहीं करनी चाहिए।’ लालू ने आगे हॉस्पिटल को दिल्ली के एम्स जैसे फंड देने का वादा भी किया।
हालांकि, लालू ने हॉस्पिटल के बारे में फैली भ्रष्टाचार की खबरों का भी जिक्र किया। लालू बाले, ‘मुझे हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बारे में काफी शिकायतें मिलती रहती हैं। जो भी इसमें मिला हुआ पाया गया उसके साथ कड़े रूप से पेश आया जाएगा।’ बीजेपी ने लालू के ऐसा करने पर विरोध किया। उन्होंने कहा कि लालू का स्वास्थ्य मंत्री की तरह निर्देश देना ठीक नहीं है। बीजेपी नेता सुशील कुमार ने कहा कि अब पता लगा गया है कि लालू यादव ही असल में स्वास्थ्य मंत्री हैं और तेज प्रताप यादव तो जलेबी बनाना और बांसुरी बजाने जैसी फालतू गतिविधियों में लगे रहते हैं।
दरअसल, जनता दल यूनाइटेड ने लालू का बचाव किया। JDU के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव RJD के मुखिया हैं और महागठबंधन में उनके दो मंत्री भी हैं। केसी त्यागी ने आगे कहा कि लालू अपने मंत्रियों के प्रदर्शन पर निगरानी रखने के लिए ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भी अपने मंत्रियों पर नजर रखती थीं। के सी त्यागी ने आगे कहा कि बीजेपी को जवाब देना चाहिए कि RSS उन्हें सलाह देने का काम क्यों किया करता है।