ये कहाँ सुधरने वाले हैं। देवी-देवताओं पर फ़िल्में बनाकर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने से ये बाज नहीं आयेंगे। चाहे पी०के० हो या आदिपुरुष या किसी और फ़िल्म का कोई सीन, ये धार्मिक भावनाओं से खेल ही जाते हैं। पर आदिपुरुष के बाद सेंसर बोर्ड को पड़ी चहुँतरफ़ा लताड़ के बाद सेंसर बोर्ड भी चौकन्ना है। इसीलिए ओ०एम०जी० 2 फ़िल्म को फ़िलहाल सेंसर बोर्ड ने अस्थायी रोक लगाकर इसकी रिलीज को 11 अगस्त को होना मुश्किल कर दिया है। दरअसल फ़िल्म के विषय और उस विषय से सम्बंधित उदाहरण शिव भगवान के मोहिनी रूप को लेकर दिखाया जाना फ़िल्म को अत्यधिक विवादित बना देता है । लिहाजा किसी भी फजीहत से बचने के लिए बोर्ड ने रिलीज की अस्थायी रोक लगाई है। इस फ़िल्म की प्रथम कड़ी में विषय भी साफ-सुथरा था और उस फ़िल्म में कहीं भी भगवान से सम्बंधित विषयों के उदहारण नहीं दिए गए थे। इस कड़ी में फ़िल्म को सेक्स शिक्षा के विषय पर बनाना पता चलता है। इस सूचना के श्रोत समाचार चैनल हैं, बताना आवश्यक है। बॉलीवुड फ़िल्म निर्माता आजकल कुछ ज्यादा ही ढीठ-पना दिखा रहे हैं और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ की नई उचाईयों को छूने का प्रयास करते रहते हैं। देखते हैं इस बार सेंसर बोर्ड कितना इन्साफ कर पायेगा।
इनसे न हो पायेगा
कोई ढंग का काम,
बॉलीवुड के शैतान हैं
सचमुच भारी ढीठ ।
ढीठ बड़े ये भारी
न चूकें कोई मौका
धार्मिक भावनाओं को
छेड़ने को ये
मारे सब चौका ।
जब मारें ये चौका
छूटे इनके भी छक्के,
भागे कान पकड़कर
होकर हक्के-बक्के।
होंवे यूँ हक्के-बक्के
कि कर लेंवे तौबा ,
आगे से देवी-देवताओं का
कभी भी भूले से किसी
फ़िल्म में मजाक न होगा ।