नई दिल्ली : इस साल नवंबर में दुनियाभर के देशों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर लगी हुई है। इसका कारण है अमेरिका में आने वाली नई सरकार की आर्थिक नीति, और इसको लेकर दुनियाभर के बाजारों में उथल पुथल मची हुई है। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मौके पर एशियाई बाजारों में उछाल देखने को मिलता है लेकिन इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बाजारों में इसलिए भी उथल पुथल है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने मुक्त व्यापार की आलोचना की है।
यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने पर ट्रम्प ने कहा था कि वह भी अमेरिका में ऐसा प्रयोग करेंगे, वह अमेरिका में आर्थिक पाबंदियों के साथ-साथ अमेरिका में आने वाले प्रवासियों को लेकर कड़ा रुख अपनाएंगे। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट पर इसका असर पड़ सकता है क्योंकि ट्रम्प पाबंदियों के समर्थक रहे हैं।
ब्रिटेन ने जब यूरोपियन यूनियन से अलग होने का फैसला लिया था तो उसका कारण था ब्रिटेन के लोग अपनी अलग आर्थिक नीति चाहते थे वह यूरोपियन यूनियन के तय किये गए आर्थिक सिद्धान्तों पर नही चलना चाहते थे। ब्रिट्रेन की लगातर बिगड़ रही अर्थव्यवस्था को इसका कारण बताया जा रहा था। अमेरिका को लेकर भी बाजारों का मानना है कि ट्रम्प आये तो अमेरिका से व्यापारिक चुनातियाँ बढ़ सकती हैं।