मुम्बई : देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज 'नेशनल स्टॉक एक्सचेंज' हमेशा विवादों में बना रहता है। कुछ समय पहले NSE की एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने इसी के चलते इस्तीफा दिया था। अब एनएसई में ब्रोकर्स की सेंध लगाने की खबरें सामने आ रही हैं। इस सेंधमारी से आईपीओ भी प्रभावित हो सकते हैं। एनएसई के मुताबिक ब्रोकर्स को इस तरह की एक्सेस देने में कुछ एंप्लॉयीज का भी हाथ हो सकता है। हालांकि एनएसई ने इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि यह सांठगांठ का मामला है या नहीं।
एक्सचेंज ने यह भी कहा कि उसके ट्रेडिंग सिस्टम में जालसाजी के खतरें हैं। एनएसई ने पिछले हफ्ते फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट सेबी को भेज दिया है और रेगुलेटर से इस रिपोर्ट जल्द से जल्द कार्रवाई करने आग्रह किया है।
NSE में गड़बड़जाले को लेकर इंडिया संवाद ने किया था खुलासा
इससे पहले भी NSE में गड़बड़झाले का इंडिया संवाद ने खुलासा किया था। इस पर सेबी ने भी मुहर लगाई थी। सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से कहा है कि उसके ऊपर लगे आरोपों की जाँच के लिए थर्ड पार्टी ऑडिटर नियुक्त करे जिससे इसकी स्वतंत्र जाँच हो सके। सेबी ने कहा है कि तीन महीने के अंदर इसकी जाँच रिपोर्ट सौंपकर इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। ब्रेकरों और अधिकारियों की सांठगांठ वाले इस खेल में सेबी की एक्सपर्ट कमेटी को कुछ अहम् सबूत मिले हैं। जिसमे कुछ व्यापार िक फर्मों को NSE के डाटा और प्रणाली को गलत तरीके के इस्तेमाल करते पाया गया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लगातार इन आरोपों से इनकार कर रहा है ऐसे में सेबी चाहता है कि इसकी जांच एक थर्ड पार्टी आयोग बनाकर की जाए। सेबी ने NSE से यह भी कहा है कि उसने अपने को-लोकेशन फेसिलिटी से जो रेवेन्यू हासिल किया है उसे ऑडिटर की रिपोर्ट आने तक एक एस्क्रो अकॉउंट में रखा जाना चाहिए क्योंकि इस मामले में आरोप था कि ब्रोकरों से फीस लेकर उनके सर्वर पास लगाए गए, ऐसा करने से उनको दूसरों से ज्यादा स्पीड मिल जाती है।
इंडिया संवाद ने जब सबसे पहले इस पूरे खेल का भंडाफोड़ किया था तब भी NSE ने इसे नही माना और 100 करोड़ का आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कर दिया था। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने NSE को फटकार लगाते हुए उस पर 50 लाख का जुर्माना भी लगाया था