दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे चर्चित और सबसे प्रभावशाली अधिकारी नवनीत सहगल जिस तरह ऐक्सप्रेस वे पर सड़क दुर्घटना मे गंभीर रूप से घायल हुये है. उससे कई सवाल सामने आ खड़े हुये है. हाईवे पर इतने बड़े अधिकारी के लिए किसी ऐस्कॉर्ट गाड़ी का इंतजाम होना चाहिये था अगर ऐस्कॉर्ट होता तो ये घटना नही घटी होती. नवनीत सहगल आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन की सफल लैंडिंग के बाद वापस लौट रहे थे तब यह हादसा हुआ.
इसके अलावा कार ऐक्सपर्ट का कहना है कि यूपी के इस वरिष्ठ अधिकारी की गाड़ी मे कम से कम एयरबैग होना जरूरी था. आज जहा सामान्य से सामान्य गाड़ी एयरबैग से लैस होती है. वही पुरानी एम्बेसडर कार मे एयरबैग की कोई व्यवस्था नही. अगर गाड़ी मे एयरबैग होता तो सहगल और उनके ड्राईवर को इस दुर्घटना मे खरोच न आई होती. दुर्घटना की तस्वीरे वयां कर रही है कि इस कार मे कोई एयरबैग नही था.
इससे पहले दिल्ली मे मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे गोपीनाथ मुंड़े की भी दुर्घटना मे मौत हुई थी. उस सरकारी गाड़ी मे भी एयरबैग नही था. लेकिन बाद मे कैबिनेट मंत्रियों को एयरबैग वाली गाड़ियां उपलब्ध कराई गई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गांडी जहां बुलेट प्रूफ शीशे और आठ-आठ एयरबैग से लैस है.
सवाल उठता है क्या अखिलेश यादव यूपी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एयरबैग युक्त गाड़िया अनिवार्य करेगे. खासकर उन अधिकारियों के लिए जिन्हें तय समय सीमा के अन्दर एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता है और फिर इनकी गाड़ी तय सीमा से तेज दौड़ती है.
भारत मे 5 लाख से ऊपर की कीमत वाली गाड़ी एयरबैग से लैस है. विश्व के कई देशों मे एयरबैग व सीट बैल्ट अनिवार्य है. तो देखना होगा लगातार हो रही इन घटनाओ को ध्यान मे रखकर सरकार अपने अधिकारियों के लिए क्या सीख लेती है.