देहरादून: खेती के लिए मुफ़ीद मानी जा रहा नैनीताल के ढैरा गांव की ज़मीन अब गौला नदी के कटाव में लगातार भूस्खलन की मार झेल रही है। खेती को बचाने के लिए ग्रामीण कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। दरअसल, इस गांव में बरसाती सीज़न के दौरान भू-कटाव हुआ था, जिसके बाद 15 किसानों की खेती कम होते जा रही है।
क्या है किसानों की मांग ?
किसान यहां हर रोज़ कड़ी मशक्कत कर रहा है लेकिन किसानों को उनकी ज़मीन को ख़त्म होने से बचाने के लिए सुरक्षा दीवार बनानी पड़ेगी। ग्रामीणों का कहना है कि डीएम समेत प्रशासन के आला अधिकारियों को इस संबंध में कारगर कदम उठाने होंगे। जिससे उन्हें दो जून की रोटी के लिए संघर्ष न करना पड़े।
1993 से लगातार भू-कटाव जारी है
यहां आज से नहीं बल्कि सन 1993 से ही गांव की खेती में लगातार कटाव हो रहा है, लेकिन साल 2011 के बाद भू-कटाव से खेती कम होने की गति में काफी तेज़ी आई। ऐसा नहीं है कि गांव के लोगों ने अपनी ज़मीन को बचाने के लिए फरियाद ना लगाई हो। ग्रामीणों की तरफ़ से विधायक से लेकर डीएम तक सीडीओ समेत कृर्षि अधिकारी से लेकर सीएम तक गुहार लगा दी, लेकिन गांव के हालात में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया। किसान लगातार परेशान हैं। अगर जल्द उनकी परेशानी से निपटा नहीं गया तो आने वाले वक़्त में उनको जीवनयापन के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड़ेंगी।