नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में सीएम अखिलेश और राम गोपाल को पार्टी से बाहर निकाले जाने के बाद शनिवार को सीएम अखिलेश ने अपने आवास पर विधायकों का प्रदर्शन कर अपने पिता को इस बात का अहसास करा दिया है कि उनके साथ पार्टी के 198 विधायक खड़े हैं. बेटे का शक्ति प्रदर्शन देख मुलायम और उनके अनुज शिवपाल घबरा गए हैं. चुनाव के समय सपा मुखिया मुलायम सिंह पर मंडराए संकट को देखते हुए आज़म खान ने नेताजी से बात कर बाप-बेटे के बीच समझौता कराने के लिए सामने आये.
मुलायम और अखिलेश के हितैषी बने आज़म
सूत्रों के मुताबिक बाप-बेटे के बीच छिड़ी जंग में पार्टी मुखिया मुलायम पर आये संकट की घडी में उनके हितैषी बनकर आज़म खान सामने आये हैं. इसकी खास वजह यह है कि आज़म खान अपने पुराने प्रतिद्वंदी अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकलवाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं. लेकिन उनको ऐसा कोई मौका नहीं मिल रहा था. बताया जाता है कि मौके कि नजाकत को देखते हुए आज़म ने भी अपना समय गंवाना नहीं चाहते थे. इसलिए अखिलेश को अमर के खिलाफ देखकर वह भी उनको लेकर मुलायम सिंह के घर पहुँच गए कि अगर अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया जाता है तो पार्टी में विद्रोह ख़त्म हो जायेगा.
अमर से आज़म लेंगे बदला
फिलहाल सीएम अखिलेश ने आज़म खान के सामने अपनी दो शर्तें रखीं हैं. इनमें से पहली टिकट बंटवारे को लेकर उनके हाथ में कमान सौंपी जाये. दूसरी शर्त ये कि पार्टी से अमर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाया जाये. सीएम की इन बातों से आज़म भी सहमत हैं और इसीलिए वह नेताजी से अपने पुरानी मित्रता के नाते बाप - बेटे के रिश्तों में पड़ी दरार तो पाटेंगे ही, साथ ही अपनी पुरानी भड़ास का बदला भी अमर सिंह से ले लेंगे. बहरहाल आज़म कि ये चाल 'सांप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे' वाली कहावत चरितार्थ होते दिख रही है.