भोपाल : मध्य प्रदेश में पांच सौ करोड़ के हवाला कांड की जांच कर सुर्खियों में आए गौरव तिवारी अब अवैध शराब पकड़ने पर चर्चा में हैं. तिवारी ने 20 जनवरी को छिंदवाड़ा में शराब दुकान और गोदाम पर छापा मारकर 7 लाख की 133 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी, यह स्टॉक में दर्ज नहीं थी. बताया जा रहा है कि जिस दुकान और गोदाम पर एसपी ने छापा मारा, उसके संचालक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से जुड़े हैं. हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण भोपाल से कार्रवाई को दबाने की कोशिश शुरू हो गई.
एक्साइज को केस ट्रांसफर करने का आदेश
दूसरी ओर , कार्रवाई के बाद एडीएम आलोक श्रीवास्तव की कोर्ट ने आबकारी एक्ट में एसपी को नोटिस दे दिया. इसमें कहा गया कि लाइसेंसी शराब ठेकेदार पर आबकारी विभाग ही एफआईआर दर्ज कर सकता है. यह केस आबकारी को ट्रांसफर किया जाए. इधर संचालक भाजपा नेताओं के करिबी होने के कारण जिला प्रशासन और भोपाल से बड़े अफसर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की बात कर रहे हैं.
एसपी गौरव तिवारी का जवाब
इस पर एसपी तिवारी ने कलेक्टर जेके जैन को जवाब भेज कर कहा कि कार्रवाई में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने पुलिस और आबकारी एक्ट की दो धाराओं का हवाला देकर कहा है कि मामले की जांच पुलिस ही करेगी. उन्होने कहा कि शराब गोदाम में छापा मारने वाली टीम में एडीएम आलोक श्रीवास्तव, एसडीएम राजेश शाही, तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव और आबकारी अधिकारी भी शामिल थे. यह एक संयुक्त कार्रवाई थी. और पुलिस को कार्रवाई का अधिकार है, विवेचना अधिकारी को ठेके से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं.
लेकिन मप्र आबकारी अधिनियम की धारा 51 के तहत शराब लाइसेंसी शराब गोदाम पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकती. इसलिए आगे की कार्रवाई आबकारी विभाग करेगा.
शिवराज सरकार के लिए मुसीबत बने हैं गौरव तिवारी
जब गौरव तिवारी कटनी में एसपी रहे तो उन्होंने पांच सौ करोड़ के हवालाकांड का पर्दाफाश किया. जांच में कई सफेदपोश और रसूखदार लोगों के नाम सामने आने लगे तो एसपी पर उन्हें बचाने का ऊपर से दबाव डाला गया. इसे उन्होंने अनसुनी कर दिए. सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कान भरा तो उन्होंने कटनी से हटाकर छिंदवाड़ा ट्रांसफर करने को कह दिया. अब छिंदवाड़ा में चार्ज लेने के बाद भी एसपी गौरव तिवारी का पुराना तेवर बरकरार है. वहीं अब वे गृहमंत्री से तनानती के बाद चर्चा में हैं.