नयी दिल्ली : फरवरी के अंतिम सप्ताह में बैंकों व एटीएम से नकदी निकासी की निर्धारित समय सीमा भारतीय रिजर्व बैंक समाप्त कर सकता है. दरअसल नकदी की स्थिति में हो रहे सुधार को देखते हुए आरबीआई ये फैसला ले सकता है.
क्या कहा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक ने ?
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आर के गुप्ता के मुताबिक नकदी की निकासी पर आरबीआई का लगा प्रतिबंध फरवरी के आखिर या मध्य मार्च तक पूरी तरह समाप्त हो जाने चाहिए क्योंकि नकदी की स्थिति सुधर रही है. उल् लेख नीय है कि केंद्रीय बैंक ने हाल ही में एटीएम से निकासी सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति दिन कर दिया, लेकिन बचत बैंक खातों के लिए 24,000 रुपये की साप्ताहिक निकासी सीमा को बनाए रखा.
दो महीने में हालात होगा सामान्य
गुप्ता ने कहा कि यह पूरी तरह रिजर्व बैंक का फैसला होगा और वही हालात को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय करेगा. एसबीआई रिसर्च की रपट ‘इकोरैप‘ में उम्मीद जताई गई है कि नकदी उपलब्धता के हिसाब से अगले दो महीने में हालात लगभग सामान्य हो जाएंगे. एसबीआई शोध रिपोर्ट ‘ईकोरैप’ के मुताबिक फरवरी अंत में 78-88 प्रतिशत मुद्रा फिर से चलन में आ जायेगी. इसमें अधिक छोटे नोटों के साथ मुद्रा का बेहतर ढंग से वितरण भी शामिल है. एक और सार्वजनिक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालात में सुधार हो रहा है और निकासी पर अब कुछ ही सप्ताह की बात है. अधिकारी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले ही होगा, रिजर्व बैंक लगातार प्रतिबंधों को ढीला कर रहा है.’
चलन से हटी मुद्रा का 60 प्रतिशत बैंकों में पहुंचा
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने हालांकि संसद की स्थायी समिति के समक्ष बैंकिंग प्रणाली के सामान्य होने के बारे में कोई समय सीमा नहीं बताई. केन्द्रीय बैंक ने कहा कि चलन से हटाई गई मुद्रा का 60 प्रतिशत यानी 992 लाख करोड़ रुपये वापस बैंकिंग तंत्र में पहुंचाये जा चुके हैं.