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नीम हकीम खतरे जान ( कहानी प्रथम क़िश्त)

Sanjay Dani

3 अध्याय
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दबाकर गांव मे दशरथ पांचवी पढने के बाद वहाँ के प्रतिष्ठित चिकित्सक के यहां सहायक के रुप में कां करने लगा। कुछ वर्षों के बाद जब चिकित्सक का निधन हो गया तो खुद बतौर डाक्टर प्रेक्टिस करने लगे। जिसमें उन्हें बहुत सफलता भी मिली। पर कुछ वर्षों बाद उनके ही अधकचरे ज्ञान के कारण उनकी पोती की मौत हो गई। जिसके लिये खुद को दोषी मानते हुए वे डाक्टरी त्याग कर सन्यास ले लेते हैं। 

niim hkiim khtre jaan khaanii prthm qisht

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पुस्तक के भाग

1

नीम हकीम खतरे जान ( कहानी प्रथम क़िश्त)

10 मई 2022
1
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( नीम हकीम खतरे जान-- कहानी प्रथम क़िश्त )दशरथ और उसकी पत्नी हरिद्वार स्थित आत्मानंद जी के आश्रम में पिछले तीन बरस से रह रहे हैं । अब वे वहीं के होकर रह गए हैं । अपने गांव, घर जाने की उनकी इच्छा

2

नीम हकीम खतरे जान ( कहानी दूसरी क़िश्त)

11 मई 2022
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( नीम हकीम खतरे जान--कहानी दूसरी क़िश्त) उनका एक पुत्र “ लक्षमण साव “ की उम्र लगभग 30 वर्ष की हो चुकी थी । दशरथ ने अपने पुत्र को अपनी क्लिनिक में बैठाने का बहुत प्रयास किया पर उनके पुत्र का मन खेत

3

नीम हकीम खतरे जान ( कहानी अंतिम क़िश्त )

12 मई 2022
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नीम हकीम खतरे जान ( अंतिम क़िश्त )( दशरथ जी के बचेड़ी चले जाने के बाद) इससे आगेआधा घंटा बीता होगा तो लक्षमण का पुत्र गणेश जो लक्षमी से 2 साल बड़ा था ,लघु शंका के लिए बाथरूम गया और दो मिन्टों में ही चीखते

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