लखनऊ : कल रात 8.20 बजे श्रीनगर से कटरा जा रही गुजरात के तीर्थ यात्रियों से भरी बस पर मोटर साइकिल सवार आतंकियों द्वारा किये गए हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। काशमीरियो ने इसे हिन्दुओ और मुसलमानो के बीच भेदभाव बढ़ाने की साजिश बताया है। 15-16 दिन पूर्वे आतंकियों की चेतावनी का उद्देश्य भी हिन्दू और मुसलमानो के बीच भेदभाव और रंजिश पैदा करना ही था। निश्चित रूप से ऐसी वारदातों से हिन्दू संगठनों को उत्तेजित किया जाता है।
काश्मीर सहित पूरे देश मे इस घृणित कर की निंदा हो रही है। यह समय उत्तेजना और भावनाओं का न होकर पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाने और सरकार को सहयोग देने का है।
अनन्तनाग के स्थानीय मुस्लिम लोगो के पूरे पूरे परिवार ने हमले में घायल लोगो की जिस प्रकार सहायता की है उससे काश्मीर में आतंकवादियों और पत्थरबाजो के कलेजे को झकझोर के रख दिया होगा। अनन्तनाग वासियो ने हिंदुस्तान के प्रति अपने प्रेम और विश्वास का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसे कोई हिंदुस्तानी भूल नही पायेगा।
इस आतंकी हमले को यदि गंम्भीरता से देखे तो कुछ जिज्ञासाएं उत्पन्न करता है,जैसे-
हमला गुजरात की बस पर ही क्यो हुआ। गुजरात की बस का पंजीकरण न होना। गुजरात की बस अन्य बसों की कनवाई से अलग कैसे हुई। बस के साथ पर्याप्त सुरक्षा क्यो नही थी। क्या बस चालक को दिशा ज्ञान नही था। बस चालक की सत्यनिष्ठा कैसी है,
आदि आदि ऐसे प्रश्न ऐसे है जो किसी सोची समझी साजिश की ओर इशारा करते है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दृष्टिकोण से भी इस घटा को देखना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार आतंकी हिजबुल और लश्कर दोनों संगठनों से जुड़े बताये जा रहे है जो पिछले 3 दिन से बसों के आने जाने की रेकी कर रहे थे। यह भी हो सकता हूं कि बस को गुमराह कर आतंकियों ने अंधेरा होने तक भटकाया हो।मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार आतंकियों को बस में चढ़ने का मौका नही मिला अन्यथा बड़ी वारदात हो सकती थी।
कल हुए इस आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर दुख प्रकट किया है। प्रधान मंत्री ने कहा, ‘अमरनाथ यात्रियों पर हमले से बेहद दुखी हूं, हमले को हर किसी को कड़ी निंदा करनी चाहिए. मेरी संवेदना उन सभी के परिवारों के साथ है जिन्होंने हमले में जान गंवाई है।’
गृह मंत्री ने मुख्य मंत्री और राज्यपाल से बात कर तुरंत हालात की स्थिति की जानकारी ली।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस आतंकी हमले पर कहा, ‘भगवान शिव के भक्तों पर यह हमला पूरी मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है और पूरा देश स्तब्ध है। भारत सरकार पूरे मामले का तुरन्त संज्ञान ले और सभी घायल यात्रियों का ऊपचार व अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। आतंकियों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई हो और सुरक्षा में चूक की जांच हो।’
वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला बेहद निंदनीय है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ है।’
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘अमरनाथ यात्रा रोकने के लिए ही हमला हुआ है। इसलिए हमले के बावजूद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रा जारी रहेगी। '
कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘अमरनाथ जी के तीर्थ यात्रियों पर किये गए हमले की मैं घोर निन्दा करता हूं। जिन यात्रियों की जान गई है उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'
आम आदमी पार्टी के नेता डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, ‘अब बस, सब्र की सीमा तय करे देश, या तो कुत्ते की पूँछ को जड़ से काटो या उसपार वालों से व्यापार -प्यार-सरकार सब संवाद-संपर्क ख़त्म करो।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले में 7 यात्रियों की हत्या की दुखद: ख़बर पर गहरा शोक और संवेदना. सुरक्षा में कहां चूक? आतंक को मुंहतोड़ जबाब दें.
बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने इस हमले पर ट्वीट कर कहा, ‘निर्दोष अमरनाथ यात्रियों पर यह हमला एक नीच हरकत है। गुस्सा और दुख…जो भी इससे प्रभावित हुए हैं उनके लिए प्रार्थना।’
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने ट्वीट कर इसके पीछे किसी साजिश का संदेह व्यक्त करते हुए हमले की सच्चाई जानने की बात की है।
हमले में शहीद हुए तीर्थयात्रियों को श्रद्धान्जलि और घायलो के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के साथ साथ हिन्दुओ को धैर्य और सयम बरतने की भी जरूरत है ताकि पाकिस्तान के मंसूबो पर पानी फिर सके।