दिल्ली : नोटबंदी के बाद अब इनकम टैक्स के असेसमेंट ईयर को लेकर केंद्र सरकार अहम बदलाव कर सकती है. सरकार द्वारा नीति आयोग के सुझावों पर अध्ययन करने को लेकर गठित की गई शंकर आचार्य समिति ने पिछले हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.
जिसमें समिति ने वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च की बजाय जनवरी से दिसंबर करने की सिफारिश की है. अगर सरकार यह सिफारिश मान लेती है तो 150 साल पुरानी चली आ रही ब्रिटिशकाल की परंपरा खत्म हो जाएगी.
जुलाई में गठित समिति को वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर करने के नीति आयोग के सुझाव को अध्ययन करने को कहा गया था. जिसके बाद समिति ने नीति आयोग का समर्थन करते हुए कहा है कि मानसून और फसली मौसम के हिसाब से यह कदम उचित रहेगा.
सरकार अगर सरकार ये बदलाव करती है तब फरवरी मे पेश होने वाला आम बजट सरकार को नवंबर में पेश करना पड़ेगा. साथ इनकम टैक्स एक्ट, कंपनी एक्ट समेत तमाम कराधान और अकाउंटिंग अवधियों मे भी बदलाव करना पड़ेगा.
आपको बता दें इससे पहले 1984 में एलके झा समिति ने भी ऐसे ही बदलाव की सिफारिश की थी. विश्व के 156 देश ऐसे है जो जनवरी से दिसंबर लेख ा अवधि का पालन करते हैं