दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नोटबंदी के कारण दिल्ली सरकार की आमदनी को हुए नुकसान के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की है. सिसोदिया ने कहा कि नकद की कमी की वजह से सरकार के वैट कलेक्शन पर बुरा असर पड़ा है.
बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट मीटिंग बुलायी थी. इसी मीटिंग में मनीष सिसोदिया जो दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं ने यह प्रतिक्रिया दी.
सिसोदिया ने इस बात की ओर इशारा किया कि अगर पिछले साल से तुलना करें तो नोटबंदी की वजह से VAT में दिसंबर 2016 में नेगेटिव ग्रोथ हुआ है.
सिसोदिया कहते हैं, मौजूदा वित्तीय वर्ष में आमदानी के लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं है. नतीजतन संसाधनों की कमी की वजह से सरकार की ओर से चलाए जा रहे विकास के सभी कार्य प्रभावित होंगे. राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, 'उपमुख्यमंत्री ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि केंद्र की सरकार सेंट्रल टैक्सेस के अपने हिस्सा का सिर्फ 325 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को देती है जो पिछले 15 सालों से निष्क्रिय है.
ठीक इसी तरह स्थानीय समितियों को भी आधारभूत और परफॉर्मेंस ग्रांट नहीं मिल रहा है जिसकी सिफारिश 14वें केंद्रीय वित्त कमीशन ने की थी. उन्होंने इस मुद्दे को भी उठाया कि जब सेंट्रल टैक्सेस में हिस्सेदारी की बात आती है तो केंद्र की सरकार दिल्ली के साथ केंद्र शासित प्रदेश जैसा व्यवहार करती है लेकिन जब बात केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही स्कीम की आती है जिसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है तब दिल्ली के साथ राज्य के जैसा व्यवहार किया जाता है.'