नई दिल्लीः हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की आपसी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। नोटबंदी के खिलाफ शुक्रवार को मोर्चाबंदी करने आए हुड्डा व तंवर गुटों आपस में ही भिड़ गए। यह घटना दिल्ली से आई पार्टी पर्यवेक्षक विजय लक्ष्मी बिश्नोई की मौजूदगी में घटित हुआ। इस प्रकरण के बाद पर्यवेक्षक को किसी तरह भीड़ से निकलकर वापस दिल्ली की ओर कूच करना पड़ा।
खूब हुई तू-तू, मैं-मैं
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक संसदीय सचिव रहे प्रह्लाद गिल्लांखेड़ा के दफ्तर पर आ जुटे, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर गुट के समर्थक एक अन्य पदाधिकारी के दफ्तर पर एकत्रित हो गए। इसके बाद दोनों गुट अलग-अलग प्रदर्शन स्थल लघुसचिवालय के पार्क में पहुंचे। यहां से सचिवालय के अंदर जाने की होड़ में दोनों गुट धक्का-मुक्की पर उतर आए। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र अनिरुद्ध और रतिया के पूर्व विधायक जरनैल सिंह के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। बाद में कुछ लोग एडीसी को ज्ञापन दे गए।
कई बच्चे नासमझ होते हैं: बिश्नोई
कांग्रेस बड़ा परिवार है। इस परिवार में कई बच्चे हैं और बच्चे नासमझ होते हैं। पूर्व विधायक जरनैल ङ्क्षसह से हुई धक्का-मुक्की का मुझे नहीं पता। मैं इस बारे में कोई कमेंट नहीं कर सकती, क्योंकि मैं आगे थी और बाकी लोग पीछे थे। पीछे क्या हुआ, मुझे नहीं पता। - विजय लक्ष्मी बिश्नोई, प्रभारी एवं पूर्व संसदीय सचिव कांग्रेस।
अशोक तंवर के बेटे व उसके गनमैन ने मेरे साथ धक्का-मुक्की की है। ये अशोक तंवर की सोची समझी साजिश है। अशोक तंवर के समर्थकों ने पहले से ही इसकी तैयारी कर रखी थी। मैं इस बारे में हाईकमान को शिकायत करूंगा। - जरनैल ङ्क्षसह, पूर्व विधायक, रतिया।
पूरा हरियाणा जानता है कि किसके साथ धक्का-मुक्की कौन कर रहा है और चोट किसको लगती है। आज भी इस प्रदर्शन में मेरे साथ धक्का-मुक्की हुई है और मेरी मां को भी धक्का मारा गया है। हम पर लगाए गए आरोप गलत हैं। - अनिरुद्ध तंवर, अशोक तंवर का बेटा।