
नई दिल्लीः हरियाणा में बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ की मुहीम रंग ला रही है। राज्य में डेढ़ दशक बाद हजार लड़कों पर 900 लड़कियां जन्मीं हैं। पंद्रह वर्षो में पहली बार लिंगानुपात 900 के पार पहुंच गया। इस साल 955 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। देश में अभी तक हरियाणा खराब लिंगानुपात वाले राज्यों में शुमार रहा है।
बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2001 के बाद पहली बार एक हजार लड़कों के पीछे 900 लड़कियों ने जन्म लिया है। 2016 में प्रदेश में कुल पांच लाख 25 हजार 278 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें दो लाख 76 हजार 414 लड़के और दो लाख 48 हजार 864 लड़कियां हैं। अब किसी भी जिले का लिंगानुपात 850 से नीचे नहीं है। 12 जिलों में लिंगानुपात 900 से अधिक रहा। बीते माह 15 जिलों में लिंगानुपात 900 से अधिक रहा जिसमें सिरसा 935 लड़कियों के साथ शीर्ष पर है।
पंचकूला में 923 और फतेहाबाद में लिंगानुपात 918 रहा। महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, सोनीपत और झज्जर जिले में वर्ष 2011 में यह दर 800 से नीचे थी जो अब 850 हो गई है। 1जनवरी 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू होने के बाद 19 जिलों में लड़कियों की संख्या बढ़ी है। भ्रूण लिंग जांच और गर्भपात में संलिप्त 400 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई और लगातार छापेमारी की जा रही है। दिल्ली में 17, पंजाब में 15, उत्तर प्रदेश में 37 और राजस्थान में छह स्थानों पर छापामारी कर अवैध रूप से गर्भपात की दवा बेच रहे 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कन्याओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी की थी।