लखनऊ : संसद के इतिहास में एक ऐसा अभूतपूर्व वक्त आया जब सत्ताधारी पक्ष के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोट बंदी के सम्बन्ध मे लगे आरोपो पर पलटवार किया। अपना भाषण देते हुए मोदी ने विपक्षियो के मुँह पर ताला लगा दिया। देश पर 48 वर्ष राज कर चुकी कॉंग्रेस पार्टी को हताश होकर सदन छोड़कर भागना पड़ा।
मोदी का मजाकिया अंदाज
मामला था कांग्रेस काल में हुए भ्रष्टाचारों में मनमोहन सिंह के बच जाने को. मोदी ने मज़ाकिया अंदाज़ में लेकर मनमोहन सिंह के लिए यह कह दिया कि बाथरूम में Raincoat पहनकर नहाने की कला डा0 साहब से सीखनी चाहिए। इतने बड़े बड़े घोटालो का एक दाग भी आप पर नहीं आया।इसका उत्तर देना चाहते हुऐ भी पार्टी वालो ने मनमोहन सिंह को बोलने नहीं दिया । मोदी के बेबाक एवं आक्रामक पलटवार से हताश और परेशान कांग्रेसी डरे हुऐ नज़र आ रहे थे । डॉ था कि कही मोदी एक एक कर सभी नेताओं की कमजोरी न खोल दे। सदन से निकलते वक़्त लोग जबरन मनमोहन सिंह को भी उठाकर ले गये जबकि मौन धारण कर बैठे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी की बातों का उत्तर देने की तैयारी कर रहे थे ।कांग्रेसी नेता विशेषकर मल्लिकार्जुन खड़के निरन्तर स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास करते नगर आते रहे। मोदी विगत सत्र में नोटबंदी के विरुद्ध मनमोहन सिंह सहित सभी कांग्रेसी नेताओं के आक्रमण का जवाब उन्ही की जुबानी देने की तैयारी कर के आये थे।
जनता आरोपों से असन्तुष्ट
नोटबंदी के सम्बध्द में कराये गए सर्वेक्षण में जो स्थिति सामने आई है उसके अनुसार चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जो भी पार्टी मोदी सरकार के ऊपर आरोप लगाती है जनता उनकी बातों से कतई संतुष्ट नहीं होती है। 90% जनता नोट बंदी को देश हित में उठाया हुआ साहसिक कदम बताती है और इसकी प्रशंसा कर रही है। 7% से 8% जनता अब यह मानती है कि काम बहुत अच्छा था पर बैंक वालो की गलती से हमे असुविधा उठानी पड़ी।बैंक वाले नए नोटों को बड़े बड़े नेताओं और व्यपारियो को बाहर ही बाहर बदल देते थे और नये नोट बाइक तक पहुचते ही नहीं थे।मात्र 2 से 3 प्रतिशत लोग इससे असंतुष्ट नज़र आये। विगत सत्र में सदन की मर्यादा को तार तार कर देने वाली कांग्रेस अपने कटु वचनों पर लगाम देने के बजाय मोदी के क्रोध को बढ़ाने का काम कर रही थी।राज्य सभा में मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उन्हें घेरने की कोशिश जरूर कर रही है पर देश की जनता को मोदी के ऊपर इन्ही नेताओ द्वारा लगाए वे आरोप याद आ जाते है जिसमे उन्हें सैनिको के खून का सौदागर,कायर, बद्तमीज़ ,विकृत इंसान, मानसिक रोगी इंसान, हराम खोर ,नपुंसक, चाय नही खून बेचा है, लहू पुरुष , ‘पानी पुरुष’, ‘असत्य पुरुष’,रावण, बिच्छू ,सांप,मोदी के टुकड़े टुकड़े कर देंगे,हिटलर,यमराज मौत के सौदागर,बंदर है, रेबीज का शिकार है,भस्मासुर,पागल कुत्ता है, आदमखोर,नपुंसक , मेढक, खलनायक, गन्दी नाली का कीड़ा,रावण,हाथ खून से रंगे हुए है वह कसाई है ,नीच जात घांची है,दाऊद इब्राहिम,‘हिटलर’ और ‘पोलपोट’ गुगा तानाशाह,उन्हें वोट देने वाले को समुद्र में फेंक देना चाहिए , मोदी को बांधकर जेल में ठूंस देना चाहिए आदि शर्मनाक शब्दो से संबोधित किया गया है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट ?
राजनीति क विद्वानों की माने तो मोदी अपनी बातों में पूर्व प्रधानमंत्री की सराहना में कशीदे पढ़ रहे थे जो अन्य कांग्रेसी नेताओ को स्वीकार नहीं हो रहे थे। सदन के भीतर मोदी की बातो का जवाब न देने वाले कांग्रेसी नेता सदन के बाहर न्यूज़ चैनलों एवं पत्रकारों के समक्ष आपनी भड़ास निकालते नज़र आ रहे थे ।कांग्रेसी नेताओं का रवैया उस सेना के समान लग रहा था जो दुशमन के आक्रमण से भयभीत होकर रणस्थल से भाग जाती है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने मोदी के लिए क्या कहा था ?
इतना ही नहीं स्वंम मनमोहन सिंह ने भी नोटबंदी के सम्बन्ध में सदन में दिये गए अपने वक्तव्य में मोदी को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया था। अब प्रश्न यह है कि क्या प्रधनमंत्री पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की संज्ञा देना साहसिक कदम मानकर इन देश प्रेमी नेताओ को भारत रत्न से सम्मनित किया जाना चाहिए।