
नई दिल्ली: नोटबंदी के फ़ैसले के बाद बैंकों की हालत बेहद खस्ताहाल हो गई है। हालात इतने ख़राब है कि कई जगहों पर बैंकों को ग्राहकों के पुराने नोटों को बदलने के लिए 100 रुपये के ऐसे सड़-गले नोट दिए जा रहे हैं, जो चलन से बाहर हो चुके हैं और बेहद ही बदबूदार हैं।
सड़े-गले और बदबूदार नोटों की भरमार
दिल्ली में कई ग्राहकों ने आईएएनएस से शिक़ायत की है कि उन्हें ऐसे नोट मिले हैं जो कि सड़े-गले और बदबूदार भी। बैंक मैनेजर ने कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों को 100 रुपये के उन सड़े-गले नोटों को दे रहा है, जो कई वर्षो से संग्रहित थे और उन्हें नष्ट नहीं किया गया था। जिसके चलते नोटों से बदबू आती है। उन्हें लोगों के देने से पहले उन पर इत्र और कीटनाशक छिड़कना पड़ रहे हैं।" बंद किए गए 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों की करेंसी में कुल हिस्सेदारी 86 फ़ीसदी है। दरअसल सड़े-गले नोटों को बैंक को वापस किया जाता है, जिसे RBI भेज दिया जाता है, जो इन्हें नष्ट कर देती है। लेकिन आरबीआई ने कई वर्षो से ऐसे नोटों को नष्ट नहीं किया था और जब नक़दी का भारी संकट पैदा हुआ है, तो अब ऐसे नोट आरबीआई के काम आ रहे हैं।
वित्त मंत्री और RBI का दावा
वित्त मंत्री व आरबीआई ने दावा किया है कि नोटबंदी के कारण बेकार हुए लगभग 14.5 लाख करोड़ रुपये को बदलने के लिए 2,000 रुपये तथा 500 रुपये के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन नोटों की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है अगर इतने नोट होते तो लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़ता। हालांकि अनुमान के मुताबिक़ दिसंबर तक बैंकों और सरकार के पास 5 से 8 लाख करोड़ के जमा होने की बात कही जा रही है अगर ऐसा होत है तो देश का जो बजट लगातार घाटे में चल रहा है वह ख़त्म हो जाएगा।