नई दिल्लीः ओलंपियन दीपा करमाकर ने सूबे में खराब सड़क और मेंटीनेंस शोरूम न होने का हवाला देकर सचिन से मिली बीएमडब्ल्यू लौटाने की बात क्या कह दी कि त्रिपुरा के बदहाल विकास पर बहस छिड़ गई। महज दस हजार की नकदी लेकर हर बार चुनाव लड़ने वाले मुख्यमंत्री माणिक सरकार के आगे हर अस्त्र बेकार चले जाने पर अब विरोधी नेता इसे मुद्दा बनाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि यह राज्य के लिए कितना शर्मनाक है कि यहां बीएमडब्ल्यू के चलने लायक सड़के नहीं है।देश का ऐसा राज्य है, जहां बीएमडब्ल्यू की मेंटीनेंस के लिए कोई शोरूम नहीं है। आखिर सूबे के पिछड़ेपन लेकर कितना गलत संदेश पूरे देश में जा रहा। क्या 1998 से कम्युनिस्ट सरकार चला रहे माणिक का यही विकास है। कहा जा रहा कि अगर
गुजरात की बदहाली के बारे में किसी सेलेब्रेटी ने सवाल उठाया होता तो आज टीवी मीडिया के प्राइम टाइम का मुद्दा हो जाता।
चार बार से है वामपंथी सरकार
पूर्वोत्तर में त्रिपुरा वामपंथी राजनीति का गढ़ है। केरल और पं. बंगाल जैसे सूबे में भले ही विरोधी दल वामपंथी किला ढहाने में सफल रहे हों मगर त्रिपुरा में किसी की दाल नहीं गली। पिछले चार बार से यहां लगातार मणिक सरकार है। 2013 में हुए चुनाव में राज्य की 60 में से 30 सीटें मणिक की पार्टी ने जीती। आर्थिक रूप से बहुत कमजोर होने पर माणिक सरकार को ईमानदार नेता माना जाता है। यहां तक कि उन्हें देश का गरीब मुख्यमंत्री कहा जाता है। विपक्ष कह रहा है कि निजी ईमानदारी अपनी जगह है, मगर सूबे का विकास भी तो होना चाहिए।
क्या कहा था दीपा के कोच ने
दीपा का परिवार त्रिपुरा के छोटे से कस्बे अगरतला में रहता है। कोच बिश्वेश्वर नंदी ने बताया कि दीपा के परिवार से बातचीत के बाद बीएमडब्ल्यू लौटाने का फैसला किया गया है। क्योंकि दीपा के घर तक बीएमडब्ल्यू लायक न तो सड़क है न ही आसपास कोई सर्विस सेंटर है। जरूरत पड़ने पर कार की मरम्मत के लिए कोलकता के शोरूम तक ले जाना होगा। ऐसे में कार की देखरेख में ही समय जाया चला जाएगा। खेल ों में ध्यान भटकेगा।
सचिन ने गिफ्ट की थी कार
रियो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्श से दीपा ने देश का दिल जीत लिया था। एथलीट दीपा करमाकर ने पहली बार फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं। इस पर ओलंपिक में पदक पाने वालीं बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु, पहलवान साक्षी के साथ दीपा को भी सचिन तेंदुलकर ने एक समारोह में बीएमडब्ल्यू गिफ्ट की थी।
पत्रकार ने दी बहस को हवा
अब इस मुद्दे पर त्रिपुरा के लोग बहस में कूद पड़े हैं। टीवी पत्रकार चंद्र प्रकाश ने बयान के जरिए बीएमडब्ल्यू को त्रिपुरा के विकास से जोड़ा। फेसबुक पर लिखते हैं कि- जिमनास्ट दीपा करमाकर ने त्रिपुरा की गई गुजरी हालत के बारे में जो कुछ कहा है, वैसा किसी ने गुजरात के बारे में बोल दिया होता तो आज प्राइम टाइम पर बहस का टॉपिक होता। इसी तरह त्रिपुरा से लेकर राष्टीय राजधानी तक त्रिपुरा के विकास पर बहस चल निकली है।