नई दिल्ली: ओलंपियन बॉक्सर विकास यादव के बच्चे कार में हो गए लॉक हो गए। तीन व चार साल के दोनों बच्चे कार में करीब एक घंटे तक फंसे बिलखते रहे। बाजार में दादी और बुआ उनकोो कार में छोड़कर दुकान चली गईं। वे कार की चॉबी अंदर ही भूल गईं और कार लॉक हो गया। बाद में कार के शीशे तोड़कर दोनों बच्चों को सुरक्षित निकाला गया।
काफी कोशिश के बाद भी गाड़ी का लॉक नहीं खुला तो लोगों ने ईंट मारकर गाड़ी काा शीशा तोड़ डाला। इसके बाद दोनों बच्चों को गाड़ी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बच्चों के बाहर आने के बाद विकास की मां और बहन ने राहत की सांस लिया।
इसके बाद कार के गेट लॉक हो गए जिस कारण दोनों बच्चे अंदर फंस गए और बिलखने लगने। बच्चों के रोने की आवाज सुनकर कार के आसपास लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहां खड़े लोगों ने किसी तरह गाड़ी के दरवाजेे खोलकर बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। इस दौरान दादी व बुआ का भी हाल बुरा हो गया।
सेक्टर-13 निवासी ओलंपियन मुक्केबाज विकास यादव की मां दर्शना देवी और बहन किरण वेरना कार में खरीदारी के लिए बाजार आई थीं। उनके साथ विकास के दोनों बेटे भी थे। दोनों मां-बेटी कार को हांसी गेट आदर्श कॉलेज के पास खड़ी कर चली गईं। इस दौरान दोनों बच्चे कार में ही बैठे थे और गलती से कार की चाबी भी अंदर ही रह गई।