लखनऊ : उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले में, पहले दहेज में बाइक न मिलने पर शौहर ने चिटठी में लिखकर पत्नी को तलाक दे दिया,तलाक के बाद अब बाइक लाने और बहनोई के साथ पत्नी को हलाला करने का दबाव बना रहा है।
परेशान होकर महिला जब ससुराल पहुंची तो पति ने उसे साथ साथ रखने से इन्कार कर दिया। बहनोई के साथ हलाला की शर्त से घबराई पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में हल्द्वानी के मुहल्ला तिकोनी चौराहा निवासी बशीर अहमद की बेटी शहनाज का निकाह करीब डेढ़ साल पहले शेरगढ़ थाना निवासी रईस अहमद से हुआ था। शहनाज का आरोप है कि निकाह के बाद शौहर व ससुराल वालो ने दहेज में बाइक के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। पांच मई को शहनाज़ जब मायके गई तो शौहर ने फोन कर पिता से बाइक दिलाने की जिद करने को कहा।शहनाज़ के इन्कार करने पर उसे अंजाम भुगतने की धमकी देकर फोन काट दिया। शौहर ने 8 मई को तीन तलाक लिख कर पत्र भेज दिया। घबराई शहनाज शौहर के घर पहुंची और तीन माह के बेटे का वास्ता देकर साथ रखने की गुहार लगाई। लेकिन शौहर ने शर्त रख दी कि यदि घर में रहना है तो पहले बाइक लेकर आओ।बाद में बहनोई के साथ हलाला भी करना होगा।
पीड़िता ने समाज के लोगों व रिश्तेदारों से मदद मांगी पर शौहर ने निर्णय बदलने से इन्कार कर दिया। हारकर शहनाज पुलिस के पास शिकायत लेकर शनिवार को उनके ऑफिस पहुंची, लेकिन वहाँ सी ओ साहब भी उसे नही मिल सके तो उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से शिकायत कर मदद मांगी।
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय अवकाश के दिनों में भी मुस्लिम महिलाओ के विरुद्ध हो रहे अत्याचार वाले तीन तलाक मामले की निरंतर सुनवाई कर रहा है। सफीपुर उन्नाव की खानकाह बाकाईया ने नायब सज्जादानशीन सैयद हसनैन बकाई ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा रखे गए पक्ष का समर्थन किया है।
सज्जादानशीन ने तीन तलाक को गैर इस्लामी मामला बताया है और इसमें जबरदस्ती होने वाले हलाला के नाम पर महिलाओं का शोषण करने वालो के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने की सरकार से मांग की है।
शनिवार को ही प्रेस क्लब में सैयद हसनैन बकाई ने पर्सनल लॉ बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा था कि एक ओर बोर्ड तीन तलाक को हराम बताता है और दूसरी तरफ सरकार व कोर्ट की पहल को शरियत में दखल करार देकर मुसलमानों को गुमराह कर रहा है।
इस्लामी तारीख में कई दलीले मौजूद हैं जिसमें यह बात साफ है कि तलाक, तलाक, तलाक कहने से तलाक नही होगा। इसलिए एक साथ तीन तलाक की बढती कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाया जाना चहिए, ताकि महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिल सके।
बरेली की एक मुस्लिम महिला तंजीम द्वारा तीन तलाक पर मांगे गए फतवे पर हसनैन बकाई ने इस्लामी किताबों का हवाला देते हुए कहा कि यदि पति अपनी पत्नी को एक साथ तीन बार तलाक देता है तो भी वह एक बार
ही माना जाएगा। इसलिए हम जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर इस्लामी किताबों का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखेंगे।