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पारिवारिक की किताबें

Familial books in hindi

पारिवारिक विषयों के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के संग्रह को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में विभिन्न पारिवारिक विषय एवं उसके सम्बन्धों पर कहानियों का आधार बनाया गया है। इस संग्रह में परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम-द्वेष का कालजयी वर्णन है। रिश्तों के धागे वाले इस संग्रह में भाई अपने भाई के लिए कुर्बानी भी देता है और बंटवारे में हथियार भी उठाता है। तो चलते हैं जीवनचक्र के इस संग्रह में सराबोर होने Shabd.in पर।
सहदेव मामा ( कहानी प्रथम क़िश्त)

सहदेव मामा से उनकी भांजी मालती बछपन से बहुत डरती थी उनसे बात करते समय वह बहुत हिचकिचाती थी । मालती पोस्ट ग्रेजुवेट होने के बाद एक स्कूल में शिक्षिका बन गई। स्कूल में उसकी दोस्ती एक शिक्षक से हो गई । जो दुसरी जाती का था यह बात जब मालती के पिता और

2 पाठक
2 अध्याय
12 अप्रैल 2022
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आतंक ही आतंक

इसमें आपको मालूम होगा कि कोई महिला हो या पुरुष सबको जीने का हक है लेकिन इसके बावजूद भी लोग खुशहाल और समृद्ध नहीं है

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शादी

शादी आजकल शिक्षा इतनी महत्वपूर्ण हो गई है कि उसके बिना तो लड़की वाला यह कहकर टाल देता है कि हां भाई देखेंगे घर पर पूछकर फिर आप को बता देंगे कि हमें लड़का पसन्द है या नही । अब कुछ दिन पहले ही मैं ऐसे ही एक महाशय से मिला जो मुझसे कहने लगा कि भाई लड़

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ब्रेक डाउन  ( कहानी प्रथम क़िश्त )

टी पी सिंग एक नवोदित इन्जीनियर है जो एक स्टील प्लांट में नया नया एपाइन्ट हुआ है।एक समय प्लांट का सीनियर इन्जीनियर महीने भर के लिए अमेरिका गया था उस समय प्लांट मेँ एक मेजर ब्रेक डाउन हो गया तब सारा दायित्व नवोदित इन्जीनियर टीपी सिंग पर आ गई तब उस

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पश्चाताप्

पश्चाताप् आज मुझे बड़ी ग्लानि महसूस हो रही थी जब अपने द्वारा लगाया गया पेड़, अपने द्वारा सींचा गया पेड़ मुझे अपने ही हाथों से काटना पड़ा । मैं तो उसका प्रायश्चित भी नही कर सकता । क्या करूं । जो पेड़ हमारे सगे भाई-बन्धु हैं उनको इस प्रकार से मैं निर्

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वतन परस्ती   ( कहानी प्रथम क़िश्त)

एक परिवार जब भारत से पाकिस्तान घूमने गया था तब जंगल भ्रमण के समय उस परिवार का पुत्र,अभिमन्यु जिसकी उम्र 7 वर्ष की थी माता पिता से बिछड़ गया। उसे बहुत ढूंढा गया पर कहीं भी उसका पता नहीं चला। तब परिवार के सदस्य वापस आ गए। इस तरह 25 वर्ष हो गए। इस बीच

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जाकी रही भावना जैसी

Part1 ये कहानी मेरे परिवार के साथ  घटित घटना है, मेरा जन्म श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा मे हुआ। बचपन  से ही भक्ति भाव वाला माहौल  होने के कारण हमारे सभी कार्य  व इच्छाऐ प्रभू को ही पूर्ण  रुप  से समर्पित  थी, मेरी अम्मा (दादी)सुबह  जल्दी नहाकर  अप

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उसकी वो मुस्कुराहट

प्रेम की अनोखी परिभाषा

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बड़ा बेटा

माता पिता को अपने बच्चो में दुराव नही करना चाहिए ,सभी बच्चे उन्हीके होते हैं तो क्यों किसी को अधिक तो किसी को कम प्यार मिलता हैं

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बदलाव

बदलाव वह औरत जिसका नाम कमला था । आज तो मुझे किसी भी किमत पर नही छोड़ने वाली थी । क्योंकि सुबह से ही हर किसी इंसान से या गली से गुजरने वाले बच्चे, बूढ़े या जवान से मेरा पता पूछती, फिर रही है क्योंकि अभी तीन दिन पहले ही मैं उस गली से गुजर रहा था, जिस

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विजय

किताब के बारे में इस कहानी के मुख्य पात्र है, विजय और प्रमिला | विजय बचपन से ही गाँव में बहुत शरारती और मस्ती किया करता था | यहाँ तक कि गाँव के बड़े-बुजुर्ग भी उसे बिगड़ा हुआ लड़का ही समझते थे | गाँव में कोई भी लड़का कुछ गलती किया करता था तो बस उदाहरण क

0 पाठक
0 अध्याय
26 अप्रैल 2022
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हम याद आएंगे...

हम याद आएंगे पहले प्यार के चुंबन की तरह सावन और जेठ के धूप की तहर... मबुआ और नशा की तरह नशा और मौसम में झरी की तरह मौसम और चौखट की तरह पहले प्यार के चुंबन की तरह,,पहले प्यार के चुंबन की तरह..

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मांग

मांग कॉलेज के पिछे वाले ग्राऊंड में बहुत सारे पेड़ों के बीच एक लंबे-चौड़े छाया वाले पेड़ के नीचे सुमन किसी का इंतजार करते हुए बार-बार अपनी कलाई पर बंधी घड़ी को देख रही थी । शायद उसे किसी के आने का बेषब्री से इंतजार था । इसीलिए वह समय को रोकने की ना

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हम याद आएंगे...

हम याद आएंगे पहले प्यार के चुंबन की तरह सावन और जेठ के धूप की तहर... मबुआ और नशा की तरह नशा और मौसम में झरी की तरह मौसम और चौखट की तरह पहले प्यार के चुंबन की तरह,,पहले प्यार के चुंबन की तरह..

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नेकी कर और दरिया मेँ डाल

रोमनाथ को एक दिन अपने रिक्से की सीत पर एक नोटों से भरा बंडल मिलता है। जिसे वह थाने में जमा करवा देता है। पर उसके बाद उस पर जी खयानतदारी का इल्जाम लग जाया है।

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दूसरा जन्म

दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और कह रही थी - ये मेरी गलती थी भगवान, मैं अपनी जवानी में होने वाली उस गलती पर आज भी शर्मिंदा हूं । हे भगवान । मै

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