नई दिल्लीः लूट लो जितना लूटना हो। हम चार साल तक आंख पर पट्टी बांधे रहेंगे। जी हां, यूपी में सपा सरकार के कई मंत्री दोनों हाथों से योजनाओं से लेकर प्राकृतिक संसाधनों की लूट में मस्त रहे। मगर इसमें बाजी मारी खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने। यूपी में कोई ऐसी नदी का किनारा नहीं छोड़ा, जहां अपनी सरपरस्ती में माफियाओं से रेत की खोदाई न कराई हो। जब चुनावी मौसम में चली-चला की बेला आई तो अखिलेश सरकार को छवि की चिंता सताई। ऊपर से हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच में मिलते सुबूतों ने सपा सरकार की नींद उड़ा दी। पुराने कनेक्शन के तहत कहीं जांच की आंच मुलायम कुनबे तक न पहुंच जाएं। इस डर से जाते-जाते अखिलेश सरकार ने मंत्री गायत्री प्रसाद को बर्खास्त कर दिया। अब सरकार के सामने यह संदेश देना था कि यह कार्रवाई सिर्फ खनन घोटाले में ही नहीं हो रही बल्कि सरकार दागों की सफाई करना चाहती है। जनता में आपरेशन क्लीन का संदेश देने के मकसद से एक और मंत्री राजकिशोर को अखिलेश ने नाप दिया। इनके पशुधन एवं लघु सिंचाई विभाग में खूब लूट-खसोट करने की शिकायतें रहीं।
हुजूर दाग धोने की पहले क्यों नहीं आई याद
क्या गायत्री प्रसाद व राजकिशोर के खिलाफ अचानक किसी बड़े घोटाले का खुलासा हुआ जो उन्हें सोमवार को बर्खास्त कर दिया गया। दोनों सरकार में जब से मंत्री बने तभी से ऐसी लूट-खसोट मचाए कि हर रोज लोकायुक्त से लेकर सीएम-गवर्नर तक शिकायतों का ढेर लग गया। हाई कोर्ट इलाहाबाद में भी कई याचिकाएं गायत्री की सरपरस्ती में यूपी में अवैध खनन को लेकर हुईं। मगर हर बार मुलायम से लेकर अखिलेश यादव मंत्री गायत्री को बचाने में लगे रहे। अब अचानक गायत्री व राजकिशोर को बर्खास्त करने का फैसला लोगों के गले नहीं उतर रहा है। सवाल उठता है कि जिन मंत्रियों के खिलाफ पिछले चार से लगातार मिल रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आंख-कान बंद किए रखे, अचानक कैसे कार्रवाई की सूझी।
मजबूरी की है कार्रवाई
गायत्री प्रसाद मुलायम यादव के करीबी हैं। इसी वजह से अमेठी से टिकट मिला और विधायक बने। फिर सबसे कमाऊ खनन विभाग का मंत्री पद मयस्सर हुआ। मुलायम की कृपा होने के कारण लाख शिकायतों के बाद भी बाल भी बांका नहीं हुआ। मगर जब हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच में खुद पर आंच आने का खतरा महसूस हुआ तो मजबूरी में अखिलेश यादव को कार्रवाई करनी पड़ी।
गायत्री को बचाने के लिए आईपीएस को धमकी देने पर उतर गए मुलायम
गायत्री प्रसाद से मुलायम कुनबे को कितना मोह रहा, यह तब देखने को मिला, जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने पर उतारू हो गए। गायत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अमिताभ ठाकुर को मुलायम ने कहा-तुम भूल गए वो...घटना, फिर दोहराई जा सकती है। दरअसल अमिताभ ठाकुर पर पूर्व में सपा समर्थित कुछ गुंडों ने हमला कर दिया था। मुलायम इस घटना की याद दिलाकर डराने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले में अमिताभ ठाकुर ने मुलायम के खिलाफ बाद में मुकदमा दर्ज करा दिया था।
चुनाव आया था तो माया ने भी थोक में निपटाए थे मंत्री
अखिलेश यादव जो पैंतरा अब अपना रहे हैं, यही चाल बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती चल चुकी हैं। मायातवी ने 2007 से 2011 तक मंत्रियों को लूट की पूरी छूट दी। अगले साल यानी 2012 में चुनाव रहा तो 2011 के आखिर में दिसंबर में भ्रष्ट मंत्रियों को निलंबित करना शुरू किया। इसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्रा, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री आनंदसेन यादव, मत्स्य मंत्री जमुना निषाद , अशोक दोहरे, धर्मार्थ कार्य मंत्री राजेश त्रिपाठी, दुग्ध विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव, श्रम मंत्री बादशाह सिंह, माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र, अंबेडकर ग्राम्य विकास मंत्री रतन अहिरवार, कृषि शिक्षा मंत्री राजपाल त्यागी, उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी, डॉ. यशपाल सिंह अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री अकबर हुसैन, पिछला कल्याण मंत्री अवधेश वर्मा और प्रांतीय रक्षादल मंत्री डॉ. हरिओम शामिल हैं।