नई दिल्लीः जब भी पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर पर UN में प्रतिबंध लगाने की बात आई तो चीन ने पाकिस्तान के इस आतंकवादी को बचा लिया। लेकिन अब फ्रांस ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों लश्कर, जैश और हिजबुल मुजाहिदीन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समर्थन किया है। इसके साथ ही उसने जैश सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगवाने में भारत के साथ मिलकर काम करने का भरोसा भी दिया है।
हम देंगे भारत का साथ
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-मार्क एरॉल्ट चार दिन की भारत यात्रा पर हैं। जीन-मार्क एरॉल्ट ने कहा कि सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की सूची में जैश का नाम पहले से ही शामिल है। इस लिहाज से इसके सरगना पर प्रतिबंध के पक्ष में भारत के पास दमदार तर्क था। इसीलिए हमने न सिर्फ भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया, बल्कि इसके सह-प्रायोजक भी बने।
चीन ने दिया है पाकिस्तान का साथ
अजहर पर सुरक्षा परिषद से प्रतिबंध लगवाने के तीन प्रयासों को चीन ने विफल कर दिया है। पिछले साल सितंबर में गुलाम कश्मीर में घुसकर भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का भी एरॉल्ट ने खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा करना हर देश का अधिकार है। पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि सभी देशों को अपने देश में या अधिकार क्षेत्र में उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ असरदार तरीके से लड़ना चाहिए।