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परिवार की कीमत

1 दिसम्बर 2022

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संयुक्त परिवार मनुष्य के जीवन की अपार खुशियां थी जिसमें मनुष्य सभी लोगों के साथ संयुक्त रूप से उठता-बैठता,खाता-पीता और होता जागता था।
लोगों के अंदर प्रेम की भावनाएं भरी हुई थी और हर मनुष्य के अंदर सहनशीलता सामंजस्य और किसी भी गलती को माफ करने की क्षमता दिखाई देती थी सभी लोग एक दूसरे के साथ अपनापन और भाईचारे के साथ रहते थे।
एक-दूसरे को नीचा दिखाने की प्रतिस्पर्धा दिखाई नहीं देती थी यदि उस परिवार में कोई भी व्यक्ति कड़क या कठोर स्वभाव का होता था उसे यह कहकर टाल दिया जाता था कि यह तो पागल है और पागलों जैसी बातें करता है इसकी बातों पर कोई भी ध्यान मत देना।
उसके साथ यह नहीं किया जाता था कि उसे घर से बाहर कर दिया जाता बल्कि उसके व्यवहार को लोग हंसकर टाल देते थे लोगों के अंदर सहन करने की असीम संभावनाएं होती थी उसे हमेशा साथ लेकर चला जाता था।
घर के अंदर एक मुखिया होता था जिसके हर निर्णय का सभी लोग सम्मान करते थे और उसकी हर बात पत्थर की लकीर बन जाती थी।
घर में कोई भी समस्या होती तो उसके लिए सभी लोग एक साथ बैठकर विचार करते थे। वे लोग पूरी समस्या को सुनकर उस पर विचार विमर्श करते थे और उसे सुलझाने की कोशिश करते थे इसके पश्चात जो भी कोई व्यक्ति दोषी होता था उसे सजा देकर ही छोड़ते थे।
किसी भी व्यक्ति के साथ भाई-भतीजावाद नहीं किया जाता था इसलिए उस समय संयुक्त परिवार चलते थे। संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग कभी भी अपनी मर्यादाएं नहीं तोडते थे।
उनके हर निर्णय में सच्चाई और ईमानदारी होती थी। इसलिए उस समय परिवारों के विखंडन की समस्या कम होती थी।
शब्द mic
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रचनाएँ
टूटते परिवारों की व्यथा
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इस पुस्तक पूर्ण रुपेण एक पारिवारिक रिश्तों को शर्मशार करने की कहानी है जिसमें एक संयुक्त परिवार के लोगों के बीच कैसे बिखराव होता है और वह परिवार अपनी बर्बादी का आलम अपनी आंखों के सामने देखता है।
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