नई दिल्लीः यूपी में अब तक का सबसे बड़ा माइनिंग घोटाला हुआ है। एक लाख करोड़ से अधिक का। अवैध खनन के खिलाफ लोकायुक्त से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने वाली संस्थाओं का यह दावा है। बीते 28 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से जांच के निर्देश पर सीबीआई की टीम के तैयार होने से यूं तो पूरी सपा सरकार बेचैन हो गई है। मगर खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की तो नींद ही उड़ गई है।
बुंदेलखंड में हर महीने दौड़ रहे 12 हजार ट्रक
यूपी में सिर्फ बुंदेलखंड के इलाके में ही हर महीने सौ करोड़ की कमाई खनन माफिया कर रहे हैं। बांदा, हमीरपुर, महोबा आदि जिलों में हर महीने तकरीबन 12 हजार ट्रक और दो हजार अन्य छोटे वाहनों से नदियों से खनन कर निकाली गई मौरंग बालू की ढुलाई होती है। इसके अलावा नोएडा, सहारनपुर, बागपत, जालौन, सोनभद्र, कानपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर, झांसी, चित्रकूट आदि इलाकों में भी हर महीने इतने सौ करोड़ का अवैध खनन कारोबार है।
नौ टन की अनुमति, मगर ट्रक में भरते हैं 30 टन
यह कोढ़ में खाज की स्थिति है। एक तो माफिया यूपी में नदियों किनारे अवैध खनन करते हैं। दूसरी तरफ ढुलाई में भी बड़ा खेल होता है। एक ट्रक में नौ टन माल ढुलाई की इजाजत होती है। मगर, माफिया सत्ता-शासन और प्रशासन के दम पर ट्रकों में 30 टन खनन बालू की ढुलाई करते हैं। चूंकि उनकी पीठ पर सत्ता का वरदहस्त रहता है,इस नाते पुलिस भी कोई एक्शन नहीं लेती। हां, माफिया इलाके के थाने-चौकियों के सिपाहियों को जरूर बख्शीश से नवाज देते हैं। ताकि खनन का अवैध कारोबार बिना किसी भय-बाधा के चलता रहा।
सात हफ्ते में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगी है सीबीआई से रिपोर्ट
यूपी में एक लाख करोड़ के खनन घोटाले की जांच सीबीआई को तेजी से निपटानी होगी। वजह कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 28 जुलाई को सात हफ्ते के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट तलब की है। इससे और सपा सरकार बेचैन हैं। क्योंकि यह वक्त चुनाव का है। चुनाव से पहले जांच रिपोर्ट पर खनन मंत्री गायत्री प्रसाद व संरक्षण में पल रहे माफियाओं पर कार्रवाई शुरू हुई तो सपा सरकार को दामन बचाना मुश्किल हो जाएगा।