नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने अब अपने उपभोक्ताओं से कहा है कि वह अपने कार्ड सिर्फ SBI के एटीएम पर इस्तेमाल करें। बाकी के कई बैंकों का कहना है कि उपभोक्ता अपने पिन कॉर्ड बदल लें। वित्तीय आंकड़ों में सेंधमारी की अब तक की ये सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है। भारतीय रिर्जव बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह अब 17.5 लाख डेबिट कार्ड को तुरंत बदलें क्योंकि अभी तक सिर्फ पिन चोरी हुए हैं या पैसे भी चोरी हो गए हैं यह बात साफ़ नही है।
अपनी जीवन भर की पूँजी को बैंकों में रखने वाले लोगों के सामने ये सबसे बड़ी चिंता जा विषय है। कई लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि बैंकों से पासवर्ड चोरी होने की घटना कई महीने पुरानी है फिर बैंकों ने उन्हें इस बात की जानकरी देने में इतनी देरी क्यों की। मीडिया में जब इस डेटा लीक की खबर आयी उसके बाद बैंक एक्टिव हुए।
हालाँकि कई बैंक अपने ग्राहकों को सीधे तौर पर यह बात नही बता रहे थे लेकिन यह जानकारी जरूर दे रहे थे कि अपने एटीएम का पासवर्ड बदल लें। तो सवाल यह उठ रहा है कि क्या लोगों को इस बात का भी अधिकार बैंक नही दे रहे थे कि उनके साथ आखिर हो क्या रहा है। क्योंकि अगर बैंकों से पैसा गया तो इसे वापस लाना इतना आसान भी नही है। बांग्लादेश में हुई हालही की घटना इसका उदाहरण है, जहां हैकर्स ने बांग्लादेश सेंट्रल बैंक के 550 करोड़ फिलीपीन्स ट्रांसफर कर दिए थे।
इस सप्ताह बेंगलुरु के भुगतान व सुरक्षा विशेषज्ञ सीसा (SISA) के ऑडिट में खुलासा हुआ था कि लगभग 32 लाख डेबिट कार्डों की सुरक्षा खतरे में है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक के अलावा आईसीआईसीआई, एक्सिस, एचडीएफसी और यस बैंक के ही ज्यादा कार्ड हैं। कई लोगों ने शिकायत की है कि चीन में अलग-अलग जगहों पर उनके कार्ड का इस्तेमाल हुआ जबकि वो कभी वहां गए ही नहीं। हैकर्स पिन चोरी करने के बाद अक्सर इन ग्राहकों को अज्ञात नंबरों से फ़ोन करते हैं और खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए ग्राहकों से मांगते हैं।