... यह बात अपने आप में आश्चर्यचकित करती है कि पतंजलि आयुर्वेद में अकेले दंतकांति (दन्तमंजन) का कारोबार ही 425 करोड़ रुपए और केशकांति (केश तेल) का कारोबार 325 करोड़ रुपए का है. बाबा रामदेव के अनुसार, अब कम्पनी का अगला पड़ाव 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार करना है, जिसके लिए पतंजलि रणनीति बना कर उसको फॉलो करते हुए आगे बढ़ रही है. अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट्स के लिए पतंजलि आयुर्वेद 1,150 करोड़ रुपये की लागत से 6 अलग-अलग राज्यों में अपनी यूनिट लगाने जा रहा है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने के साथ साथ 150 करोड़ रुपये शोध एवं विकास में भी लगाए जाने की योजना है. इस कड़ी में, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्टू, हरियाणा में पतंजलि आयुर्वेद की यूनिट की स्थापना होगी. पतंजलि ब्रांड के विकास में जितना योगदान बाबा रामदेव का है, उससे कम आचार्य बालकृष्ण का नहीं है. एक कुशल प्रबंधक की भांति, परदे के पीछे रहकर जिस प्रकार आचार्य बालकृष्ण ने पूरे पतंजलि-तंत्र को प्रबंधित किया है, वह अपने आप में एक मिशाल ही है. लोगों की भावनाओं को किस प्रकार सहलाया जाता है, यह बात पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के इस बयान से ही लग जाता है, जिसके अनुसार, पतंजलि की ये इकाइयां ...