नई दिल्लीः हरियाणा के गांव में जन्म हुआ। भारत की ओर से साल 2004 में कॉमनवेल्थ गेम्स में बॉक्सिंग करने वाले थे लेकिन उन्हें आंखों में मोतियाबिंद है कहकर रोक दिया गया। अब उन्हें भारतीय नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियन बॉक्सर के नाम से जाना जाता है। नाम है बॉक्सर प्रदीप सिहाग। प्रदीप ने भारत आकर बॉक्सर विजेंद्र सिंह को सीधे मुकाबले की खुली चुनौती दी है।
मिल चुकी है ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता
प्रदीप 2004 भारत की ओर से कॉमनवेल्थ गेम्स खेल ने ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे। लेकिन उन्हें दिल्ली में एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। वजह बताई गई वह आंखों का मोतियाबिंद का आपरेशन करवा चुके हैं जिसके कारण वो नहीं खेल सकते।
पिता की जमीन बेचकर गए ऑस्ट्रेलिया
इन सबके के बाद भी प्रदीप ने हिम्मत नहीं हारी। पिता ने जमीन बेचकर उन्होंने पैसों का इंतजाम किया और आस्ट्रेलिया चले गए।
करने लगे ऑस्ट्रेलिया में बॉक्सिंग
आस्ट्रेलिया में पहुंचकर एक कोच ने उन्हें प्रोफेशनल बाक्सिंग के लिए चुन लिया और वो प्रोफेशनल बाक्सिंग करने लगे। उनके प्रदर्शन को दिखते हुए ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने उन्हें वहां की नागरिकता दे दी। प्रदीप पिछले 12 सालों से आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। प्रदीप 23 प्रोफेशनल बाक्सिंग फाइट कर चुके हैं। जिसमें से वह 19 फाइट जीत चुके हैं। इसमें से नौ फाइट उन्होंने नॉक आउट राउंड में जीती हैं। वह वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन सैम सोलोमन से लड़ चुके हैं।
प्रदीप सिहाग भारत में रहकर प्रोफेशनल बाक्सिंग करना चाहते हैं। वह इंडियन बॉक्सिंग काउंसिल के प्रेसिडेंट मुरलीधरन राजा के समक्ष बाक्सर विजेंद्र सिंह से फाइट करने की इच्छा भी जता चुके हैं। उन्होंने सिसाय में दो एकड़ जमीन भी खरीदी है। जिसमें वह एकेडमी बनाकर बॉक्सिंग व रेसलिंग के खिलाड़ियों को तैयार करना चाहते हैं।
पत्नी भी बॉक्सर हैं
प्रदीप सिहाग ने ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली समेंथा से तीन साल पहले शादी की थी। समेंथा बॉक्सिंग खिलाडी़ है और बॉक्सिंग की कोचिंग के लिए प्रदीप की कोचिंग एकेडमी में प्रैक्टिस करती थी।