... सत्ता में आने से पहले रोजगार को लेकर भी वादे किये गए थे लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम दिखाई नहीं देता है, यह बात मोदी सरकार की बड़ी खामियों में शुमार हो सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में युवा भी नरेंद्र मोदी से उम्मीद पाले बैठा है. हालाँकि स्किल इंडिया जैसे प्रोग्राम जरूर आये हैं, लेकिन उनका कुछ विशेष लाभ मिलता नजर नहीं आता. इसी तरह, अपने भाषणों में मोदी हमेशा ही भारत को किसानों का देश कहते हैं, लेकिन अपने शासन के दो साल पूरा होने के बाद भी मोदी सरकार द्वारा कृषि और किसानों की स्थिति में कुछ खास बदलाव दिखा नहीं है, उलटे बदहाली के चलते किसान आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी ही हैं. हालाँकि, फसल बीमा योजना जरूर कुछ राहत पहुंचाएगी, किन्तु सवाल सिर्फ राहत का नहीं हैं, बल्कि बदलती परिस्थितियों से मुकाबला करने का है, जिसमें किसान समुदाय को सक्षम बनाना होगा और इस तरह नरेंद्र मोदी और उनकी टीम का कितना ध्यान है, यह बात सोचने वाली है. वहीं 'काले धन' के मामले में सरकार को सांप सूंघ गया है, तो सत्ता में आने के बाद एक बार भी काला धन वापिस लाने की चर्चा नहीं हो रही है. इसके साथ असहिष्णुता और पुरस्कार वापसी, गौ माता, भारत माता जैसे विवाद जैसे विवाद सरकार की नाक में दम किये रहे और मोदी सरकार की पूरी लाचारी दिखी इन मुद्दों को नियंत्रित करने में! इसमें कोई शक नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी अभी भी देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं. अधिकांश जनमत सर्वेक्षणों ने दिखाया है कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी 70 फ़ीसदी के आसपास है, जोकि निश्चित रूप से एक बड़ा आंकड़ा है. शायद जनता नरेंद्र मोदी को और समय देना चाहती है, क्योंकि कुछ और दिखे या न दिखे, पर यह तो दिख ही रहा है कि एक व्यक्ति रात-दिन, बिना छुट्टी के देश की भलाई के कार्य कर रहा है. हालाँकि, नरेंद्र मोदी की ...