पीयूष गोयल अपनी धुन के पक्के हमेशा कुछ ना कुछ नया करते रहना उनकी फ़ितरत हैं. इसी के चलते पीयूष गोयल ने दुनिया की पहली मिरर इमेज किताब”श्री मदभगवदगीता” के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक हिन्दी व अंग्रेजी दोनो भाषाओ में लिख चुके हैं कुछ समय पहले पीयूष ने सुईं से भी किताब लिखी हैं,ऐसा दुनिया में अभी तक नही हुआ हैं “दुनिया की पहली सुईं से लिखी “मधुशाला”(हरबंस राय बच्चन कृत) .
पीयूष 2000 से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं श्रीमदभगवदगीता(हिन्दी व अँग्रेज़ी),श्री दुर्गा सप्त सत्ती (संस्कृत भाषा),श्रीसाई सतचरित्र(हिन्दी व अँग्रेज़ी),श्री सुंदरकांड(दो बार),चालीसा संग्रह,सुईं से मधुशाला,मेहन्दी से गीतांजलि(रबींद्र नाथ कृत),कील से “पीयूष वाणी”(पीयूष गोयल कृत),व कार्बन पेपर से “पंच तंत्र”(विष्णु शर्मा कृत),रामचरित्र मानस(दोहा,सोरठा,और चोपाई) (तुलसीदास कृत).
अभी हाल ही में पीयूष ने एक और कारनामा किया हैं उन्होने करीब दो महीनो में 36*23 इंच के पेपर पर 600 लोगो केकरिकचर्स बनाएे हैं जिनमे(नरेंद्रमोदी,अमितशाहा,अमिताभ,कपिलदेव,सचिन,राहुल गाँधी,सोनिया गाँधी,दिग्विजय सिंह,अटल जी,मनमोहन जी,चंद्रशेखर जी,मुकेश अंबानी,मायावती,मदर टेरेसा,मुलायम सिंह गुजराल जी,सुब्रहामनयम आदि )
पीयूष ने बताया की ईश्वर साथ दे और कुछ नया करने की लग्न हैं व्यक्ति अपने आप को बहुत उँचाइयों तक ले जा सकता हैं अंत में पीयूष ने अपने लिखे वाक्य से एक बहुत ही अच्छी बात कही – मधु मक्खियों को क्या पता वो सहद बना रही हैं वो तो सिर्फ़ अपना काम कर रही हैं