में एक कोरा कागज
किसी के आँगन का
यूँ ही फेक दिया जाता हूँ
सड़क पर
सड़ने के लिए
उड़ने के लिए
उठा ले जाएगा
बेच देगा
किसी कबाड़ीय को
अपना पेट भरने के लिए
जो यूँ की डाल देगा
सड़े गले ढेरो में
बेच देगा किसी और
बड़े कबाड़ीय को
अपना पेट भरने के लिए
जाने कब तक यूँ ही बिकता रहूँगा
सड़ता रहूँगा
सड़ी पोलिथीन पन्नियो के साथ
जो आसानी से ग़लती भी नही
आख़िर वो दिन कब आएगा
जब चिपका दिया जाउँगा विश्वा प्रसिध किताब में
और युगो युगो तक पढ़ा जाउँगा
पीयूष गोयल
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