नई दिल्ली : भारतीय आम ऑस्ट्रेलिया के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं तो पहली बार ऑस्ट्रेलिया के लोग भी भारतीय आमों का स्वाद चख सकेंगे। इस निर्यात की संभावना दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल को संशोधित किए जाने के बाद बनी है ताकि भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में इस्तकबाल का मौका मिल सके। भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल जाने के बाद बेचा जाएगा।
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन का कहना है कि 'वैश्विक व्यापार में हिस्सेदार के तौर पर यदि हम ऑस्ट्रेलियाई आमों के निर्यात के लिए विश्व के अन्य देशों में जाना चाहते हैं तो हमारा कदम यह है कि दूसरे देशों से आने वाले फल सुरक्षित हों और किसी भी तरह के कीटनाशक या बीमारी को लेकर यहां न आ रहे हों, तभी हम दूसरे देशों को अपने बाजारों में आने की अनुमति दे सकते हैं।' पिछले सालों में मैक्सिको, फिलीपींस और पाकिस्तान ने अपने आम ऑस्ट्रेलिया भेजे हैं।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों का कहना है कि 'भारत एक बहुत बड़ा आम उत्पादक देश है। उनका आम निर्यात कारोबार हमारी तरह ही है। भारत ऐसे बाजारों को लक्ष्य करेगा जहां वह उच्च मूल्य वाले उत्पादों की छोटी-छोटी मात्रा को बेच सके।'
भारत के मशहूर 'अल्फांसो आम को ऑस्ट्रेलिया भेजा जायेगा। हालंकि इसे भेजना थोड़ा कठिन है। लेकिन केसर सबसे सफल किस्म है क्योंकि इसके दाम अच्छे हैं, स्वाद अच्छा है और इसे भेजना भी आसान है।' मौजूदा वित्त वर्ष में भारत से आम का निर्यात 50,000 टन के आंकड़े को पार करने का अनुमान है।