नई दिल्ली : हरियाणा में साल 2008 में विवादित राबर्ट वाड्रा लैंड डील पर बनाई गई जस्टिस एस एन ढींगरा कमिशन की रिपोर्ट में सामने आया है कि उस डील में वाड्रा ने 50.50 करोड़ रूपये का मुनाफा बनाया। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिैलिटी के वकील सुमन खेतान ने कहा कि वाड्रा और स्काईलाइट ने कोई गलत हरकत नहीं की थी और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था।
इस मामले में पहली बार प्रियंका गाँधी ने बात की है अखबार को जवाब में उन्होंने कहा कि उस प्लॉट की खरीद का स्काईलाइट के ट्रांजैक्शंस या डीएलएफ से कोई संबंध नहीं है और उसे 'कथित' स्काईलाइट लैंड डील के छह साल पहले खरीदा गया था।
प्रियंका गांधी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह संपत्ति उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी द्वारा दी गई संपत्ति की रेंटल इनकम से खरीदी है और इसका उनके पति के पैसे या उनकी कंपनी या डीएलएफ से कोई लेना-देना नहीं है। यह सब उनकी छवि खराब करने के लिए और राजनीति से प्रेरित है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडडा ने ढींगरा कमीशन को बनाए जाने की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। वह याचिका लंबित है। अख़बार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि ढींगरा रिपोर्ट में 20 से ज्यादा प्रॉपर्टीज की जानकारी दी गई है, जो उसके मुताबिक वाड्रा और उनकी कंपनियों ने खरीदी थीं।
इनमें से एक भूखंड को स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि ओंकारेश्वर से खरीदी गई प्रॉपर्टी को फिर लैंड यूज में बदलाव के बाद कहीं ज्यादा कीमत पर डीएलएफ के हाथ बेच दिया गया था और इस तरह 50.50 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया गया।
हालाँकि ढींगरा कमेटी पर इससे पहले कांग्रेस ने कई सवाल उठाये। खट्टर सरकार ने 3 बार इस आयोग के कार्यकाल का समय भी बढ़ाया। इस आयोग का गठन 7 मई 2015 को हरियाणा के कथित भूमि सौदों की जाँच के लिए किया गया था, जिसमे कहा गया था कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा को लाभ पहुचाया था।
इससे पहले ढींगरा आयोग के कार्यकाल को 8 दिसंबर 2015 तक 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। फिर 17 जून 2016 को सरकार ने इसका कार्यकाल 30 जून तक ले लिए बढ़ाया था।
2014 मे मोदी ने किया था जेल पहुंचाने का वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान वाड्रा को जमीन देने का खूब जिक्र किया था और कार्रवाई कर जेल पहुंचाने भरोसा दिया था, लेकिन मोदी सरकार को आये तीन साल हो गए।