आजकल की जिंदगी से जुड़ी हर एक टीनएजर की कहानी जो अनजाने ही अपने और अपनों के बीच एक दीवार बना लेती है। लड़कियों से जुड़ी भावनाएँ, कच्ची उम्र की शैतानियाँ जिनसे उनके परिवार आज तक अछूते हैं। यह कहानी है उनके बीच की बढ़ती दूरियों की जो समाज बढ़ाकर इतनी बड़ी कर देता है कि वे अपनों पर भरोसा नहीं कर पाती हैं। यह एक मसाला भी है दोस्ती और जिंदगी से जुड़ी चटपटी ख्वाहिशों का। एक बेजोड़ संगम है किसी अनजाने के दिये प्यार में जख्मी हो जाने का। हॉस्टल की देर रात वाली मस्ती से लेकर सीखे गए बहुत सारे सबक तक जो हम सीख जाते हैं अकेले वाली रोती रातों में। कैसे एक जिंदगी हार जाती है कुछ बड़ी ताकतों से, कैसे जिंदगी से भी बड़ा हो जाता है कोई इंसान जिसके चलते हम किसी अपने को हमेशा के लिए हार जाते हैं! पढ़िए ‘फीवर 104°F’ जिसमें मानसिक संतुलन बस बिगड़ ही जाने वाली हालत में होता है और शरीर के स्वास्थ्य पर कोई फर्क नही पड़ता।
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