देहरादून: यह किशोर उपाध्याय की आखिरी प्रेस कांफ्रेंस थी, लेकिन उन्हे इल्म भी नहीं था कि जब वह प्रेस कांफ्रेंस करके उठेंगे तो उनका अध्यक्ष पद के आगे पूर्व जुड़ जाएगा. जी हां, उत्तराखण्ड के अध्यक्ष की हैसियत से वह प्रेस कांफ्रेंस कर ही रहे ते कि दिलली में बैठे बैठे उनकी अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी गई. लेकिन इन सब के बीच जो सबसे हैरान कर देने वाली बात आई वह थी कि किशोर उपाध्याय जिस वक़्त यह प्रेस कांफ्रेंस कर रहे ते उसी वक़्त दिल्ली में बैठे बैठे एक कांग्रेस के एक गुट ने उनकी छुट्टी करवा दी.
दरअसल, किशोर उपाध्याय की ये पीसी उनके प्रदेश अध्यक्ष से हटने के कुछ समय पहले ही उन्होंने की थी। हैरत की बात ये थी कि यहां किशोर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते बीजेपी सरकार को चुनौती दे रहे थे और दिल्ली में बैठे आलाकमान उन्हें बदल दिया। हालांकि बाद में कहा गया कि प्रेस कांफ्रेंस के बाद उन्हे अध्यक्ष पद से हटाया गया।
जब किशोर ये प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे तबतक उनको हटाए जाने की ख़बर सामने नहीं आई थी। तब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से किशोर उपाध्याय का कहना था कि पहाड़ों की महिलाओं पर शराबबंदी का विरोध करने पर मुकदमे किये जा रहे हैं जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे। उपाध्याय ने कहा कि सरकार शराब माफियाओं के लिए राज्य की भोली-भाली जनता पर जुल्म कर रही है और कई माताओं पर जो मुकदमे किये गए हैं सरकार उन्हें वापस ले। उपाध्याय ने कहा है कि राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद से लगातार जनता विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। शराब के बाद राशन, गेहूं-चावल-चीनी के रेट दोगने करने के बाद गरीब जनता का बजट बिगड़ रहा है जबकि जो रेट कांग्रेस सरकार में थे उसे बीजेपी ने दोगुना कर दिया है।