लखनऊ : यूपी में कांग्रेस की करारी हार के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर पोस्टर लगे है. कांग्रेस को अब तक की मिली सबसे बड़ी हार के बाद पीके कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के निशाने पर भी आ गए हैं.
लखनऊ में कांग्रेस ऑफिस के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में लिखा गया है, "स्वयं-भू चाणक्य प्रशांत किशोर को खोजकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता सम्मेलन में लाने वाले किसी भी नेता को पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा."
यह पोस्टर यूपी कांग्रेस कमिटी के सचिव राजेश सिंह ने लगवाया है. इस घटनाक्रम के बाद सिंह को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है. नव निर्वाचित कांग्रेस विधायकों के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आयोजित मीटिंग में यह निर्णय लिया गया.
"मैंने जो कहा है, उस पर मैं कायम हूं. प्रशांति किशोर ने पार्टी को जीत दिलाने का जिम्मा लिया था. हम पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ता हैं. हमने पार्टी को खून-पसीना दिया है. हमारी राय को बिल्कुल दरकिनार किया गया. यह हार ऐसे परामर्शदाताओं के कारण ही हुई है."
प्रशांत किशोर यानी पीके का नाम पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की भारी जीत के बाद सुर्खियों में आया था. इसके बाद 2015 में पीके ने नीतीश कुमार को बिहार चुनाव जीत दिलाई और बीजेपी को जीत से दूर कर दिया. दो वर्ष बाद, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में कांग्रेस ने अपनी हालत सुधारने के लिए प्रशांत किशोर को रणनीतिकार बनाया. कांग्रेस ने पंजाब तो जीत लिया लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लुटिया डूब गई.