चंडीगढ़ : विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद एमसीडी चुनाव में भी अपना किला बचाने में नाकाम रही आम आदमी पार्टी में अब फूट पड़ती दिख रही है. पार्टी की पंजाब यूनिट के नेता व कार्यकर्ता पंजाब चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जनादेश न मिलने के चलते पंजाब के नतीजों के बाद से ही पार्टी आलाकमान की नीतियों से नाराज चल रहे थे.
इसके बाद भी जब दिल्ली में आप का प्रर्दशन उम्मीद के मुताबिक नही रहा तो पंजाब काडर के कार्यकर्ता खुल कर पार्टी के नेताओ का विरोध करने लगे. इसकी भनक जब पार्टी के बड़े नेताओं को लगी तो पंजाब के प्रभारी संजय सिंह व सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने केजरीवाल के समक्ष इस्तीफे की पेशकस कर दी.
पंजाब प्रदेश में पार्टी संयोजक गुरप्रीत सिंह वाराइच (गुग्गी) ने पार्टी आलाकमान को बताया है कि समय रहते अगर फैसला नही लिया गया तो स्थानीय कार्यकर्ता टूट सकते है जो कि पार्टी के लिए गंभीर परिणाम होंगे गुग्गी ने माना कि विपक्षी पार्टियां AAP विधायकों को अपनी ओर मिलाना चाहती हैं ये बात पूरी तरह सही है.
गौरतलब है कि इससे पहले भगंवत मान भी नेतृत्व और रणनीति को लेकर सवाल उठाये थे. ट्रिब्यून को दिये इंटरव्यू में भगवंत मान ने भी पहली बार खुलकर अपना पक्ष रखते हुए मान ने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाने से अच्छा है कि पहले अपने अंदर झांकना चाहिए.
एमसीडी चुनावों के नतीजों पर मान ने बिना किसी नेता का नाम लिए कहा, 'पार्टी नेतृत्व एक मोहल्ला क्रिकेट टीम की तरह व्यवहार कर रही है. आप ने पंजाब ने एक ऐतिहासिक भूल की है' मान ने कहा कि ईवीएम में गलती ढूंढने का कोई मतलब नहीं जब पार्टी नेतृत्व ने चुनावों की पूरी रणनीति को लेकर ऐतिहासिक भूल की हो.
बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के कई बड़े चेहरे है जो कि कांग्रेस के संपर्क में है. हालांकि नेता ये बात ऑफ कैमरा कह रहे है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान हार के कारणों की समीक्षा करेगा आगे की रणनीति में कुछ बदलाव करेगा.