पटना: सुकमा नक्सली हमले में शहीद बिहार के जाबाज़ जवानों के शव पटना एयर पोर्ट पर पहुचने पर बिहार सरकार का कोई भी व्यक्ति श्रद्धांजलि देने न पहुँचने और मुख्य मंत्री का काफिला गुज़रने के लिए शव ले जा रहे ट्रकों को किनारे खड़ा कराने की नीच हरकत ने अबतक का राष्ट्र का सबसे बड़ा अपमान किया है।
देश के लिए शहादत देने वाले वीर जवानों के शव आने के समाचार की अनदेखी और अनसुनी कर नीतीश कुमार ने जलालत की पराकाष्ठा ही पर कर दी।नीतीश सरकार की इस न्यूचता भारी हरकत से क्षुब्ध होकर वीरगति को प्राप्त नरेश यादव के पिता राम नारायण यादव ने कल बिहार सरकार द्वारा भेजी गई अनुग्रह राशि लौटाने की घोषणा कर सबके दिलों को दहला दिया।राम नारायण यादव का कहना था कि सरकार ने शहीदों का अपमान किया है,यदि मुख्य मंत्री के मन मे शहीदों के प्रति ज़रा सा भी श्रद्धाभाव होता तो वे अपनी गाड़ी से उतार कर बेटे के शव पर एक नज़र ही डाल देते लेकिन मुख्य मंत्री ने ऐसा न कर राष्ट्र का अपमान किया है।
कलेजे पर बेटे के अपार दुख के साथ सरकार की ओर से भेजी गई पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि श्राद्ध कर्मो के बाद जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से वापस करने की बात राम नारायण यादव द्वारा कही गई है।
ज्ञात ही कि सुकमा हमले में शहीद जवानों के पार्थिव शरीर ले जा रही गाड़ियों को देर शाम पटना में रोका गया, क्योंकि उस तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला गुजर रहा था।नीतीश कुमार बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए निकल रहे थे, उसी दौरान पार्थिव शरीर वाले वाहन भी जा रहे थे।
जब सुकमा में शहीद जवानों का पार्थिव शरीर विशेष वाहन से लाया जा रहा था, ठीक उसी वक्त सीएम नीतीश कुमार का काफिला गुजर रहा था, बिहार पुलिस ने सीएम के काफिले के लिए पार्थिव शरीर ले जा रहे वाहन को रोक कर किनारे खड़ा कर दिया।
जब देर शाम इन शहीदों के पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट पर लाया गया तो वहां बिहार सरकार का कोई भी कैबिनेट स्तर का मंत्री मौजूद नहीं था। शहादत देने वाले जवानों की श्रद्धांजलि के लिए कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा, वहां दो घंटे तक इंतजार किया गया। नीतीश कुमार के पास वक्त नहीं है वह गांधी पर फिल्म देख रहे थे। शर्मनाक है कि बिहार के 6 बेटे शहीद हो गये और नीतीश या उनके मंत्रियों के पास उनके शव देखने की भी फुरसत नहीं थी।