चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनावों में वोट के बदले शराब और ड्रग्स बांटने के लिए पार्टियों ने नया पैतरा अपनाया है. चुनाव आयोग की ओर से की जा रही सख्ती की वजह से अब राजनीति क पार्टियों वोटरों को खुद शराब बांटने के बजाय टोकन थमा रही हैं. वोटर टोकन लेकर शराब की दुकान से मनचाही शराब ले रहे हैं. इसकी जानकारी मिलने पर राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जिलों में शराब की दुकानों पर नजर रखनी शुरू कर दी है.
राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त वीके सिंह ने कहा, 'यह पहली बार है कि चुनाव के समय शराब के लिए टोकन सिस्टम देखा जा रहा है. हमारे 24 घंटे चलने वाले कॉल सेंटर पर किसी ने फोन करके यह जानकारी दी.'
नेताओं ने शराब बांटने के लिए कूपन का इस्तेमाल भले ही नया तरीका लग रहा हो लेकिन चुनाव में वोट खरीदने के लिए शराब के इस्तेमाल की आदत को तोड़ पाना फिलहाल मुश्किल लग रहा है. बीते सप्ताह अधिकारियों ने करीब 10000 बोतल शराब एक कॉटन मिल से जब्त की है जो कि लंबी विधानसभा सीट से ज्यादा दूर नहीं है. इस सीट पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह के खिलाफ मुकाबला है.
स्निफर डॉग ने ड्रग्स का पता लगाया दूसरे राज्यों की तरह पंजाब के वोटर भी ड्रग्स और शराब का लालच देकर खरीदे जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने ड्रग्स का भंडाफोड़ करने के लिए बनाई टीमों के साथ 22 स्निफर डॉग भी लगाए हैं. कैरी नाम के एक लैब्राडोर कुत्ते ने एक मारुति कार में छिपाए गए 50 किलो ड्रग्स का पता लगाया था. राज्य में ड्रग्स सबसे बड़ी समस्या बन चुका है.