पंजाब : पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी की दावेदारी से राजनीतिक मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिसमें एक ओर कांग्रेस पार्टी है तो दूसरी भाजपा-अकाली दल का गठबंधन. व तीसरी पंजाब में जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी.
इंडिया संवाद की टीम ने पंजाब के कुछ हिस्सों में युवा वोटरो से बात की तो युवा वोटरो के बीच केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्यादा लोकप्रीय दिखी. पंजाब में आम आदमी पार्टी युवा व ग्रामीण मतदाताओं पर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित किये हुये है. शायद यही कारण है कि आप के चुनाव प्रचार से जहां पुराने मतदाता कम प्रभावित दिखते हैं, युवा वोटरों पर इसका ज्यादा असर दिखता है. 19 वर्षीय कुलजीत कहता है, 'अपना वोट तो केजरीवाल को.' उसके दोस्त ने कहा, 'लोग अब परिवर्तन चाहते हैं.'
पंजाब के फतेहगड़ साहिब व उसके नजदीकी गांव मे जब हम ने युवाओं से बात की तो युवाओं में बादल सरकार के 10 साल के शासनकाल को लेकर बेहद नाराजगी दिखी. 12वीं पास सतपाल सिंह, जो अब 23 साल के हो चुके हैं, उन्होंने बताया कि हमें नौकरी चाहियें. उन्होंने बताया कि मेरे पिता एक श्रमिक हैं, मैं भी एक श्रमिक बनकर ही रह जाऊंग. आखिर कितनी पीढ़ियां श्रमिक बनकर रहेगीं? हमें क्या मिल रहा जो हम उन्हें वोट दें?
117 सीटों के लिए 32 साल बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बार यहां 1941 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं. इसी तरह यहां के वोटरों में युवाओं की हिस्सेदारी भी रिकॉर्ड पर है. 1.9 करोड़ वोटर वाले पंजाब में एक करोड़ से ज्यादा 40 साल से कम उम्र के हैं. इनमें 3.67 लाख तो ऐसे युवा हैं, जिनका नाम पहली बार वोटर लिस्ट में आये है.