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पुरानी जूतियों का कोरस

वैद्यनाथ मिश्र 'नागार्जुन'

4 अध्याय
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7 पाठक
26 अप्रैल 2023 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

नागार्जुन के काव्य संग्रह पुरानी जूतियों का कोरस का संकलन।  

purani jutiyon ka koras

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पुस्तक के भाग

1

लो, देखो अपना चमत्कार ! / नागार्जुन

26 अप्रैल 2023
3
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अब तक भी हम हैं अस्त-व्यस्त मुदित-मुख निगड़ित चरण-हस्त उठ-उठकर भीतर से कण्ठों में टकराता है हृदयोद्गार आरती न सकते हैं उतार युग को मुखरित करने वाले शब्दों के अनुपम शिल्पकार ! हे प्रेमचन्द यह भू

2

इतनी जल्दी भूल गया ? / नागार्जुन

26 अप्रैल 2023
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कैसे यह सब तू इतनी जल्दी भूल गया ? ज़ालिम, क्यो मुझसे पहले तू ही झूल गया ? आ, देख तो जा, तेरा यह अग्रज रोता है ! यम के फंदों में इतना क्या सचमुच आकर्षण होता है कैसे यह सब तू इतनी जल्दी भूल गया ?

3

भारतेन्दु / नागार्जुन

26 अप्रैल 2023
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सरल स्वभाव सदैव, सुधीजन संकटमोचन व्यंग्य बाण के धनी, रूढ़ि-राच्छसी निसूदन अपने युग की कला और संस्कृति के लोचन फूँक गए हो पुतले-पुतले में नव-जीवन हो गए जन्म के सौ बरस, तउ अंततः नवीन हो ! सुरपुरवास

4

भगतसिंह / नागार्जुन

26 अप्रैल 2023
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अच्छा किया तुमने भगतसिंह, गुजर गये तुम्हारी शहादत के वर्ष पचास मगर बहुजन समाज की अब तक पूरी हुई न आस तुमने कितना भला चाहा था तुमने किनका संग-साथ निबाहा था क्या वे यही लोग थे— गद्दार, जनद्वेषी

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