लखनऊ : भले ही उत्तर प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोग महंत कि वजह से कट्टर हिन्दू मान रहे हो, लेकिन हकीकत ये है कि उनके भीतर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है. जिसके चलते पूर्वांचल में कई अवसरों पर उनके नाम का नारा लगाने से मुस्लिम समुदाय भी पीछे नहीं हटा. बहुत से ऐसे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं, जिनकी समस्याओं का निराकरण मंदिर में ही होता है. कई बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने योगी जिंदाबाद के नारे लगाए हैं.
मुस्लिमों पर हुआ अत्याचार तो महंत आये सामने
पुराना गोरखनाथ निवासी जुनैद अहमद अंसारी बताते हैं कि 2014 में मोहल्ले की बड़ी जामा मस्जिद के पास कुछ लोगों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया था. उस मुहल्ले में अंसारी बिरादरी की संख्या सबसे अधिक है. जब अंसारी लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. उस समय सपा की सरकार थी और सत्ता पक्ष के लोग अंसारियों की मुखालफत कर रहे थे. जिस व्यक्ति ने रास्ता अवरुद्ध किया था. वह न्याय विभाग से जुड़े व्यक्ति का रिश्तेदार था. प्रशासन भी उसके दबाव में था. हम लोग महंत से मिले. उन्होंने प्रशासन के लोगों से कहा कि अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने खुद जाकर रास्ता देखा और उनकी उपस्थिति में वहां पर लगे ईंटों को उखाड़ कर फेंक दिया गया. वहां योगी जिंदाबाद के नारे लगने लगे.
महंत को मसीहा मानते हैं पूर्वांचल के लोग
महानगर के मिर्जापुर मुहल्ला निवासी एक महिला अपनी बेटी और नाती के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंची थी. मंदिर का प्रबंधन देखने वाले द्वारिका तिवारी से अपने नाती के सेंट्रल स्कूल में ट्रांसफर का पत्र लिखवा रही थी. इस दौरान आदित्यनाथ का जिक्र आया तो उसने बताया कि हम लोगों के मसीहा हैं. बगल में खड़ी बेटी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इसकी शादी बहराइच में हुई है. इसका पति सऊदी अरब में रहता था. इसको बगैर बताए दूसरी शादी कर लिया. जब इसने विरोध किया तो तलाक देने की धमकी देने लगा. कई मौलाना से फरियाद की पर किसी ने नहीं सुनी. फिर बेटी को लेकर आई और महंत से पीड़ा बताई. उन्होंने ने तुरंत एसपी बहराइच को फोन लगाया. तत्कालीन आईजी से कहा कि बेटी की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. दामाद जब जेल गया तो उसके परिवार वाले समझौते के लिए दौड़ लगाने लगे.
योगी के फोन की घंटी बजते ही खाली हो गयी मदरसे की जमीन
इसी तरह से रसूलपुर मुहल्ले में एक मदरसे की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया. मदरसे के मौलवी थक कर मंदिर पहुंचे. सांसद के समक्ष पूरी बात रखी. उन्होंने तुरंत एसएसपी को फोन मिलाया कहा कि एक घंटे के अंदर मदरसे की जमीन खाली नहीं हुई तो तुम जानोगे तुम्हारा काम जानेगा. आनन फानन में रास्ता खाली हो गया. बहरहाल ये उदाहरण तो योगी के एक बानगी भर हैं, लेकिन सच तो यह है कि ऐसे दर्जनों अवसर आएं हैं जब यूपी के नए सीएम मुस्लिम समुदाय के सताए जा रहे लोगों का पक्ष रखने के लिए मसीहा बनकर उनकी मदद करने के लिए सामने आये हैं.