नई दिल्ली : बेटा कितना भी कपूत हो जाए लेकिन मां के लिए उसके बच्चे सबसे बढ़कर होते हैं. फिर जाहे कैसी भी परिस्थितियां क्यो ना हो मां अपने बच्चों का बुरा होते हुए नहीं देख सकती है. ऐसा ही मामला सामने आया श्योपुर में जहां पर मां को परेशान करने वाले बेटों को मां ने ही जेल जाने से बचा लिया. एक मां अपने बेटों की शिकायत को लेकर जनसुनवार्इ में पहुंची थी.
मां का दिल बैठ गया
98 साल की रामनाती के जिला कलक्टर अभिजीत अग्रवाल को बताया कि उसके पति की मौत 15 साल पहले सड़क दुर्धटना में हो चुकी है. पति की मौत के बाद से ही दोनों बेटे हरिओम और पप्पू उसकी देखभाल नहीं करते, और न सही तरीके से बात करते है. न ही ढंग से खाना देते हैं. इस जिला कलेक्टर ने रामनाती के बेटों को जेल भिजवाने की बात कही . बेटों के जेल जाने की फरमान सुनकर मां का दिल बैठ गया. मां ने क्लेकटर से गुजारिश करते हुए कहा कि बेटों को बस यूं ही थोड़ा सा डांट फटकार दे लेकिन जेल नहीं भेजें. जिससे कि वह मेरा देख भाल करना शुरु कर दे. एक मां का अपने बेटों के प्रति ऐसा प्रेम देखकर जिला कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल ने रामनाथी को बेटों से देखभाल कराने का आश्वासन दिया साथ ही उन्होनें रामनाथी को विधवा पेंशन दिलाने का भी आदेस जारी किया.